National Epilepsy Day 2022: मिर्गी इन दिनों एक गंभीर समस्या समस्या बन गई है. ज्यादातर ये बीमारी सिर में लगी चोट, ब्रेन स्ट्रोक आदि की वजह से मिर्गी का दौरा पड़ता हैं. ये शुरूआती दौर में मामूली होने के बादगंभीर रूप ले सकते हैं. ऐसे में लोगों को इसे लेकर जानकारी होना बेहद जरूरी है. मिर्गी को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए हर साल पूरे देश में 17 नवंबर को नेशनल एपीलेप्सी डे मनाया जाता है.
मिर्गी की बीमारी किसी भी उम्र को प्रभावित कर सकती है. लेकिन अलग-अलग उम्र में इस बीमारी के लक्षण भिन्न-भिन्न हो सकते हैं. यह बीमारी सिर्फ इंसानों को ही नहीं बल्कि जानवरों में पाए जाते हैं. कुत्ते और बिल्लियों में मिर्गी के मामले देखने भी देखने को मिलते है. ऐसे में अगर आप भी एक पेट पेरेंट हैं और आपका अपने पालतू जानवर का खास ख्याल रखना चाहिए, उनके इन लक्षणों से समझे कि कहीं वो मिर्गी के शिकार तो नहीं, तो इन टिप्स की मदद से आप उसे बेहतर तरीके से संभाल पाएंगे.
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अगर पहले से अपने पालतू जानवर के बारे में पता हो तो अपने घर पर हमेशा आइज पैक रखें. बताएं आपको कि मिर्गी का दौरा पड़ने की वजह से शरीर का तापमान काफी बढ़ जाता है. ऐसे में अपने पेट की पीठ पर आइज पैक रखें, इस तरीके से मिर्गी के दौरे रोकने में आपको मदद मिलेगी.
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अगर आपका पेट मिर्गी का शिकार है, तो घर पर हमेशा सीबीडी (CBD) ऑयल रखें. दौरा पड़ने के दौरान मुंह में इसकी कुछ बूंदे डालें. इससे दौरे को रोकने में काफी मददगार साबित होगी.
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अपने पालतू जानवर के लिए स्ट्रेसफुल हालात न बनने दें. ज्यादा एक्सरसाइज, घूमना और अचानक नई चीजे खिलाना आपके पालतू के लिए हानिहारक हो सकता है.
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मिर्गी के शिकार डॉग के खाने में रोजमैरी का इस्तेमाल बिल्कुल न करें. रोजमैरी को मिर्गी के मरीजों के लिए ट्रिगर माना जाता है.
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जितना हो सके अपने पालतू को हाई प्रोटीन युक्त खाना खिलाएं. जिससे उसकी सेहत ठीक रहेगी.
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हर रोज इसका एक टुकड़ा अपने पेट को जेलेटिन खिला सकते हैं. जेलेटिन को नर्वस सिस्टम और जोड़ों के उपचार के लिए सही माना जाता है.
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मिर्गी से पीड़ित अपने पेट के खाने में कुछ सब्जियां खिला सकते हैं. कार्बोहाइड्रेट के अलावा खाने में फाइबर भी शामिल करना फायदेमंद है.
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अगर आपके पेट को दौरा पड़ा हो, तो ठीके होने के बाद उन्हें खाने और पीने के लिए जरूर कुछ दें. क्योंकि उसके बाद उन्हें भूख और प्यास लग सकती है.
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दौरा पड़ने के बाद पेट को शांत और कम रोशनी वाला माहौल में रखें. उन्हें शोर और रोशनी से दूर रखें और रिकवर होने का समय दें.