अनुराग प्रधान, पटना: अंडर ग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन के मामले में 12वीं के अंक प्रतिशत के आधार पिछड़ जा रहे बिहार बोर्ड के स्टूडेंट्स को कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूइटी) लागू होने से बड़ी उछाल मिली है. इस बार दिल्ली यूनिवर्सिटी में बिहार बोर्ड के 1450 स्टूडेंट्स का एडमिशन हुआ है. इस मामले में बिहार बोर्ड के स्टूडेंट्स ने यूपी, केरल, हरियाणा, राजस्थान स्टेट बोर्ड के स्टूडेंट्स को पीछे छोड़ दिया है. सीबीएसइ और सीआइएससीइ के बाद बिहार बोर्ड तीसरे नंबर पर है, जबकि पिछले साथ वह टॉप-5 में भी नहीं था.
85.67% सीटों पर सीबीएसइ व सीआइएससीइ के स्टूडेंट्स का दाखिला
दिल्ली विवि में करीब 70 हजार सीटों में से 85.67% पर एडमिशन केवल दो बोर्ड सीबीएसइ और सीआइएससीइ के स्टूडेंट्स का हुआ है. इनमें 81.34% स्टूडेंट्स अकेले सीबीएसइ के हैं. सीबीएसइ के 51,797 व सीआइएससीइ के 2026 स्टूडेंट्स को एडमिशन मिला हैं.
फर्स्ट लिस्ट में ही बिहार बोर्ड के 1348 स्टूडेंट्स शामिल
डीयू की अनुसार फर्स्ट लिस्ट में ही बिहार बोर्ड के 1348 स्टूडेंट्स शामिल हो गये थे, जबकि यूपी बोर्ड के 1133, राजस्थान बोर्ड के 848, हरियाणा बोर्ड के 454 और केरल बोर्ड के 342 और स्टूडेंट्स थे. दिलचस्प बात यह है कि पिछले साल केरल बोर्ड चौथे नंबर पर था, लेकिन इस बार टॉप-5 से बाहर है. इस साल केरल बोर्ड के अब तक 350 से अधिक स्टूडेंट्स का एडमिशन डीयू में हुआ है.
टेस्ट से बिहार बोर्ड के स्टूडेंट्स को लाभ
इससे पहले डीयू में एडमिशन 12वीं के अंक प्रतिशत पर होता था. लेकिन, 2022 में अंडर ग्रेजुएट में एडमिशन के लिए सीयूइटी लागू किया गया. सीयूइटी लागू होने से बिहार बोर्ड के स्टूडेंट्स ने टेस्ट में बेहतर प्रदर्शन किया और डीयू में एडमिशन लेने में बिहार बोर्ड ने टॉप-3 में स्थान बनाया.
सीयूइटी लागू होने से बिहार बोर्ड के स्टूडेंट्स को फायदा
दिल्ली विश्वविद्यालय के ज्वाइंट रजिस्ट्रार प्रदीप कुमार ने कहा कि सीयूइटी लागू होने से बिहार बोर्ड के स्टूडेंट्स को फायदा मिला है. इससे पहले सीबीएसइ के बाद हरियाणा व केरल के स्टूडेंट्स होते थे, लेकिन नये पैटर्न का लाभ बिहार बोर्ड के स्टूडेंट्स को मिला है. यह बेहतर है.
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सीबीएसइ: 51,797
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सीआइएससीइ: 2026
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बिहार बोर्ड: 1450
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यूपी: 1133
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राजस्थान: 848
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सीबीएसइ:59,199
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हरियाणा: 2470
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सीआइएससीइ: 2389
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केरल:1672
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राजस्थान: 1511