साइबर अपराधी ठगी के नये-नये तरीके अपना रहे हैं. एटीएम कार्ड एक्सपायर होने, केवाइसी जमा नहीं करने के नाम पर ठगी के बाद लोग अलर्ट हो गये हैं. इसलिए साइबर अपराधी हमेशा ठगी के नये तरीकों का ईजाद करते रहते हैं. अभी साइबर अपराधी गूगल पे और अन्य यूपीआइ आइडी पर 500-1000 रुपये भेज कर उसे वापस करने के नाम पर लोगों से ठगी का प्रयास कर रहे हैं. अगर आपने रुपये वापस किये, तो चंद ही मिनटों के अंदर आपका खाता खाली हो सकता है.
जाल में फंसाने के लिए भेजते हैं खाते में 1000 रुपये : साइबर अपराधी लोगों को अपनी जाल में फंसाने के लिए 500-1000 रुपये भेजते हैं. इसके बाद उन्हें कॉल करते हैं कि गलती से उनके गूगल- पे एकांउट में उन्होंने 1000 रुपये भेज दिया है. उसे वापस कर दें.
साइबर मामलों के एक अधिकारी ने बताया कि यदि गूगल-पे पर कोई आपको रुपये भेज देता है और वापस मांगता है, तो उससे कहें कि वह अपनी पूरी पहचान बता कर आकर कैश ले ले. कैश लेने के लिए उसे किसी पुलिस स्टेशन पर बुलायें. यदि वह सही व्यक्ति होगा, तो अपना पैसा वापस लेने के लिए आ जायेगा. इंस्पेक्टर ने बताया कि साइबर अपराधी एक चाइनिज एप डाउनलोड करके रखते हैं, जिससे रुपये भेजते ही संबंधित व्यक्ति का सारा डिटेल निकाल कर ठगी कर लेते हैं.
आर्मी का मेजर बताकर साइबर अपराधी ने आर्मी के 50 जवानों का बाल और दाढ़ी बनाने के नाम पर झांसा देकर एदलहातू शिवाजी पथ निवासी विनोद कुमार (नाई) के एकाउंट से 1,04,555 रुपये निकाल लिये. घटना को लेकर ठगी के शिकार व्यक्ति ने मोबाइल नंबर धारक अज्ञात साइबर अपराधी के खिलाफ बरियातू थाने में केस दर्ज कराया है. शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि उन्हें एक मोबाइल नंबर से फोन आया था.
फोन करने वाले ने कहा कि वह पंडरा आर्मी कैंप से सेना का मेजर बोल रहा है. उन्हें अपने 50 जवानों का बाल और दाढ़ी बनवाना है. इसके लिए कितने पैसे देने होंगे. जब शिकायतकर्ता ने बिल के रूप में 30 हजार रुपये बताया, तब शिकायतकर्ता को विश्वास में लेने के लिए खुद को मेजर बताते हुए साइबर अपराधी ने शिकायतकर्ता को वीडियो कॉल करने को कहा.
वीडियो कॉल के दौरान शिकायतकर्ता से कहा गया कि पैसे आधा अभी उसके एकाउंट में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिया जायेगा. इसके बाद पैसा ऑनलाइन ट्रांसफर के लिए शिकायतकर्ता से उसके एकाउंट का नंबर लिया गया. इसके बाद साइबर अपराधी ने पहली बार में 94,556 और दूसरी बार में 9,999 रुपये की निकासी कर ली. तब जाकर शिकायतकर्ता को पता चला कि उसके साथ साइबर फ्रॉड हुआ है.