पटना. अगर बिजली कंपनियों की चली तो अगले वित्तीय वर्ष (2023-24) में बिजली ओवरऑल 40 फीसदी तक महंगी हो सकती है. इसके साथ ही फिक्सड चार्ज भी बढ़ कर दोगुना हो सकता है. मंगलवार को बिजली कंपनियों ने नया बिजली टैरिफ निर्धारण से संबंधित याचिका बिहार विद्युत विनियामक आयोग के समक्ष दाखिल कर दी. घरेलू, व्यावसायिक और औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं की बिजली दर तय करने के लिए नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी और साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने अपनी-अपनी याचिकाएं दी.
ट्रांसमिशन कंपनी की ओर से बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड, बिहार ग्रिड कंपनी लिमिटेड और स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर की याचिकाएं आयोग को सौंपी गयी. अब इन याचिकाओं के अध्ययन के बाद विनियामक आयोग जनवरी और फरवरी 2023 में जनसुनवाई कर मार्च 2023 में नये टैरिफ की घोषणा कर सकता है. जनसुनवाई के दौरान आम लोगों के साथ ही जन संगठनों, औद्योगिक संगठनों और बिजली कंपनियों की राय ली जायेगी. बिहार विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष शिशिर सिन्हा ने याचिकाएं दायर होने की पुष्टि की.
बिजली कंपनी के प्रस्ताव के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र में घरेलू व गैर-घरेलू उपभोक्ताओं के लिए अब तीन की जगह मात्र दो टैरिफ स्लैब ही होगा. पहला स्लैब 0-50 यूनिट और दूसरा स्लैब 51 से ऊपर यूनिट का रखा गया है. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र के वैसे उपभोक्ता जो नियमित रूप से भुगतान करते हैं, उनको प्रोत्साहित करने के लिए एक फीसदी अतिरिक्त छूट देने का प्रस्ताव है. तीन माह लगातार भुगतान करने पर उनको इस छूट का लाभ मिलेगा.
कंपनी ने हाइवोल्टेज (एचटी) श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए मिलने वाली पांच फीसदी छूट को बढ़ा कर 15 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया है. मसलन 11 केवी पर लाइन लेने वाले उपभोक्ता अगर 33 केवी पर लाइन लेंगे तो उनको यह छूट मिलेगी. बिजली लॉस कम होने की वजह से इसे प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसी तरह, एचटी श्रेणी में सैंक्शन लोड के मुकाबले न्यूनतम डिमांड की सीमा बढ़ायी जा रही है. वर्तमान में बिलिंग सीमा 75 प्रतिशत है, जिसे बढ़ा कर 85 प्रतिशत किया जा रहा है. मतलब उनकी न्यूनतम बिलिंग 75 फीसदी की जगह अब 85 फीसदी की होगी.
बिजली कंपनी ने लोड से अधिक इस्तेमाल करने पर लगने वाली पेनाल्टी में तीन महीने की छूट देने का भी प्रस्ताव दिया है. मसलन कोई उपभोक्ता पांच किलोवाट का कनेक्शन लेकर दस किलोवाट की बिजली इस्तेमाल कर रहा है तो उस पर तत्काल पेनाल्टी नहीं लगायी जायेगी. बल्कि उनको इसकी सूचना देते हुए तीन महीने के अंदर लोड बढ़ाने का आग्रह किया जायेगा. तीन महीने बाद भी अधिक लोड इस्तेमाल करने पर ही पेनाल्टी लगेगी.
बिजली कंपनी ने बिजली आपूर्ति के खर्च में हुई वृद्धि को आधार बनाते हुए सभी श्रेणी को मिलाकर समग्रता में 40 फीसदी तक बिजली दर वृद्धि करने का प्रस्ताव दिया है. पिछले चार वर्षों में से दो साल आयोग ने शून्य तो दो वर्ष मामूली बिजली दर वृद्धि की है, जबकि कंपनी का वास्तविक खर्च बहुत अधिक बढ़ गया है.
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साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के एमडी महेंद्र कुमार ने बताया कि ऊर्जा दर में समग्रता से 40 फीसदी बढ़ोतरी का प्रस्ताव है. याचिका में टैरिफ संरचना सरल करने, उपभोक्ता के हित में ध्यान में रखते हुए वितरण कंपनियों की मजबूती और बिजली के कुशल उपयोग के लिए उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित करने पर ध्यान दिया गया है.