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बिहार में जातीय जनगणना की समय सीमा बढ़ी, नीतीश कुमार की कैबिनेट ने लगा दी प्रस्ताव पर मुहर

नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज राज्य कैबिनेट की बैठक हुई. कैबिनेट की बैठक में आज जातीय जनगणना की अवधि बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गयी. कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक के खत्म होने के बाद आधिकारिक बयान में कहा गया है कि आज की बैठक में कुल 13 एजेंटों पर मुहर लगाई गयी है.

पटना. नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज राज्य कैबिनेट की बैठक हुई. कैबिनेट की बैठक में आज जातीय जनगणना की अवधि बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गयी. कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक के खत्म होने के बाद आधिकारिक बयान में कहा गया है कि आज की बैठक में कुल 13 एजेंटों पर मुहर लगाई गयी है.

अब मई 2023 तक होगी जातीय जनगणना

सबसे महत्वपूर्ण फैसला जाति आधारित जनगणना की अवधि को लेकर हुआ है. सरकार ने जातीय जनगणना की समय सीमा को बढ़ा दिया है. पहले जातीय जनगणना अगले साल यानी फरवरी 2023 तक पूरी करा लेनी थी, लेकिन अब इसे 2 महीने आगे बढ़ाया गया है. नीतीश सरकार अब मई 2023 तक जातीय जनगणना कराएगी.

बेल्ट्रॉन को सरकार दो करोड़ 44 लाख आवंटित

इसके अलावा नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट ने बिहार जाति आधारित गणना के लिए एप और पोर्टल निर्माण पर खर्च होने वाली राशि को मंजूरी दी है. इसके लिए बेल्ट्रॉन को सरकार दो करोड़ 44 लाख से ज्यादा की राशि देगी. इसकी प्रशासनिक स्वीकृति आज कैबिनेट की बैठक में दे दी गई है.

अवैध बालू खनन को रोकने के लिए खरीदे जायेंगे स्पीड बोट 

नीतीश कैबिनेट ने आज नगर विकास एवं आवास विभाग से जुड़े महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर भी अपनी मुहर लगाई है. बिहार में अवैध बालू खनन को रोकने के लिए अब सरकार ने स्पीड बोट और अन्य तरह की खरीद के लिए 5 करोड़ की स्वीकृति दी है. यह राशि पटना, भोजपुर, सारण समेत ऐसे जिलों में खर्च किया जाएगा, जहां नदियों से बालू का अवैध खनन होता है.

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