Bareilly News: देश के पहले पीएम जवाहर लाल नेहरू की आज यानी 14 नवंबर को 133वीं जयंती मनाई जा रही है. पंडित नेहरू का बरेली से खास रिश्ता रहा है. वह बरेली की सेंट्रल जेल में करीब 6 महीने कैद रहे थे. इसके बाद 1936 में बरेली में आयोजित कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में स्वतंत्रता सेनानियों को अंग्रेजों की हुकूमत उखाड़ फेंकने का संकल्प दिलाया था.
देशभर में आज पहले पीएम की जयंती पर तमाम कार्यक्रमों का आयोजन हो रहा है. जंगे आजादी की लड़ाई के नायक पंडित जवाहरलाल नेहरू को अहमदनगर की फोर्ट जेल से 31 मार्च 1945 को बरेली सेंट्रल जेल लाया गया था. इसके बाद 10 सितंबर 1945 को अल्मोड़ा की जेल में शिफ्ट किया गया. उनके नाम से पंडित नेहरू वार्ड है.
जेल रिकॉर्ड के मुताबिक, पंडित नेहरू को गड्ढा बैरक में रखा गया था. उस वक्त उनकी उम्र 42 वर्ष थी, तो वहीं 126 पाउंड वजन दर्ज है. उनकी लंबाई 5 फुट साढ़े छह इंच थी. पंडित नेहरू को 582 कैदी नंबर मिला था. उन्होंने जेल में गांधी चरखा चलाकर सूत की कटाई की थी. हालांकि, वर्तमान में इस जेल में आजीवन कारावास के मुलजिम रखे जाते हैं.
देश की आजादी की लड़ाई के वक्त पंडित जवाहर लाल नेहरू के खिलाफ डिफेंस ऑफ इंडिया रेगुलेशन एक्ट 1915 के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज किया गया था. उनके साथ ही 592 स्वतंत्रता सेनानियों को कैद किया गया था.
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू बैरिस्टर थे. उनका परिवार जमींदार था. खानदानी रईस होने के बाद भी पंडित नेहरू देश की आजादी के लिए अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जंग-ए -आजादी की लड़ाई में कूद गए.वह सबसे पहली बार 1922 में जेल गए थे, जबकि अंतिम बार 1945 में जेल गए. पंडित नेहरू को 09 बार जेल जाना पड़ा. सबसे कम 12 दिनों के लिए, जबकि सबसे अधिक 1,041 दिनों तक जेल में रहना पड़ा.अंग्रेजों की जेल होने के कारण सश्रम कारावास दिया गया था.
पंडित जवाहर लाल नेहरू की अपनी आत्मकथा में भी बरेली जेल के दिनों का जिक्र किया गया है. पंडित नेहरू के जेल से छूटने के 2 वर्ष बाद देश को आजादी मिल गई थी. सेंट्रल जेल में बड़ी संख्या में बंदी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. जिन्हें नेहरू बैरक के माध्यम से अच्छाई की ओर प्रेरित करने वाले संस्करण भी दिखाए जाते हैं. कारागार में उनके रहने की अवधि आदि का पत्थर बैरक के बाहर लगा है.
रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद- बरेली