World Diabetes Day 2022: विश्व मधुमेह दिवस प्रति वर्ष 14 नवंबर को मनाया जाता है. वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाने की शुरुआत साल 1991 में हुई थी.इस बीमारी को लेकर लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना बेहद आवश्यक है. लोगों को इस बीमारी के बारे में जानकारी देने के लिए हर साल वर्ल्ड डायबिटीज डे (World Diabetes Day 2021) को मनाया जाता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, करीब 422 मिलियन लोग साल 2014 से डायबिटीज के मरीज है. इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 1991 में हुई थी. इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन और विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने लोगों के बीच मधुमेह के बारे में जागरूकता फैलाने के मकसद से इस दिन को मनाने की शुरुआत की थी. 14 नवंबर 1922 को इंसुलिन की खोज करने वाले वैज्ञानिक सर फ्रेडरिक बैंटिंग का जन्मदिन होता है. शरीर में शुगर की मात्रा को सही रखने में इंसुलिन बहुत बड़ा रोल प्ले करता है.
जब भी खाना खाते हैं तो खाना ग्लूकोज में बदल जाता है. उस वक्त इंसुलिन नाम का हॉर्मोन उसे खून में जाने से रोकता है. डायबिटीज पेंशट के शरीर में इंसुलिन की कमी हो जाती है. परिणामस्वरूप ग्लूकोज को खून में मिलने से नहीं रोक पाता. डायबिटीज पेशेंट थोड़ी-थोड़ी गैपिंग के साथ 6 से 7 बार खाना खाएंगे तो बार-बार शरीर में इंसुलिन बनेगा. इससे ग्लूकोज थोड़ा बनेगा और कम इंसुलिन भी उसे कंट्रोल कर लेगी. यानी कि दिन भर में थोड़ी गैंपिंग के बीच खाना शुगर पेशेंट के लिए लाभकारी होगा. साथ ही ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहेगा.
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साबुत अनाज, ओट्स, चने का आटा, मोटा अनाज
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टोंड दूध सहित दही और मट्ठा
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रेशे वाली सब्जियां जैसे- मटर, फलिया, गोभी, भिंडी, पालक सहित बाकी हरे पत्तेदार सब्जियां
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छिलके वाली दालें
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ओमेगा 3 फैटी एसिड वाले तेल
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फल में पपीपा, सेब, संतरा और अमरूद ज्यादा फायदेमंद
आलू, शकरकंद, आम, अंगूर, खजूर, केला, चुकंदर और गाजर का
3 मुख्य आहार- ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर
3 से 4 बार स्नैक्स- इसमें आप 2-3 बार फल खा सकते हैं. इसके अलावा कुछ हेल्दी स्नैक्स जैसे कि स्प्राउड्स, सूप और ओट्स भी ले सकते हैं.
लिक्विड- डायबिटीज पेशेंट एक दिन में कम से कम 8 से 10 बार पानी जरूर पिएं. इसके अलावा वो लिक्विड में नींबू पानी, छाछ और टोंड दूध भी ले सकते हैं.
टाइप-1 मधुमेह: यह तब होता है जब अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन करने में विफल रहता है.
टाइप-2 मधुमेह: यह मधुमेह का सबसे सामान्य प्रकार है. इस स्थिति में शरीर इंसुलिन का ठीक से उपयोग नहीं कर पाता है. इसे इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin resistance) कहा जाता है. टाइप-2 मधुमेह होने का मुख्य कारण मोटापा और व्यायाम की कमी है.
भारत में:
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भारत में मधुमेह एक बढ़ती हुई चुनौती है, जिसकी अनुमानित 8.7% आबादी 20 और 70 वर्ष के आयु वर्ग की है.
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इंटरनेशनल डायबिटीज़ फेडरेशन ‘डायबिटीज़ एटलस’ ने वर्ष 2019 में, भारत को शीर्ष 10 मधुमेह से पीड़ित देशों में रखा.
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मधुमेह और अन्य गैर-संचारी रोगों की बढ़ती व्यापकता शहरीकरण, गतिहीन जीवन शैली, अस्वास्थ्यकर आहार, तंबाकू का उपयोग जैसे कारकों के संयोजन से प्रेरित है.
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आज विश्व में लगभग 6% आबादी अर्थात् 420 मिलियन से अधिक लोग टाइप-1 या टाइप-2 मधुमेह हैं.
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यह एकमात्र प्रमुख गैर-संचारी रोग है जिसका लोगों में कम होने के बजाय ज्यादा होने का ज़ोखिम बढ़ रहा है.
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यह गंभीर कोविड-19 संक्रमणों के साथ जुड़ी अन्य प्रमुख बीमारियों के साथ उभरा है.
वर्ष 2021 में अफ्रीका में अनुमानित 24 मिलियन लोग मधुमेह के साथ जी रहे हैं.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.