Dhanbad News: सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले करीब 50 हजार से अधिक छात्र आठवीं कक्षा पास कर आगे की कक्षा में चले गये हैं, लेकिन इन्हें समाज कल्याण विभाग की ओर से उपलब्ध करायी जाने वाली साइकिल नहीं मिली. इस वजह से छात्राें को स्कूल आने में परेशानी होती है. उन्हें या तो पैदल या ऑटो से स्कूल आना पड़ता है. उनका कहना है कि पैदल स्कूल आते हैं समय अधिक लगता है और ऑटो से आने पर पैसे खर्च होते हैं. साइकिल मिलती, तो उनके पैसे और समय की बचत होती. अंतिम बार सत्र 2019-20 में साइकिल के लिए छात्राें के खाते में डीबीटी के माध्यम से 3500 रुपये भेजे गये थे.
नियामानुसार कक्षा आठ तक के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्राें को ही साइकिल दी जाती है. पर, शैक्षणिक सत्र 2020-21 व 2021-22 के छात्रा को साइकिल नहीं मिल सकी है. अब वर्ष 2022-23 में भी छात्राें को साइकिल देने का समय बीत रहा है. इधर जिला समाज कल्याण विभाग का कहना है कि उन्हें मुख्यालय से मामले को लेकर कोई निर्देश नहीं आया. गौरतलब है कि साइकिल देने के लिए राज्य स्तर पर प्रक्रिया की जाती है. दो सालों से टेंडर ही नहीं हुआ है. यहीं कारण है कि विद्यार्थी इस लाभ से वंचित हैं.
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वर्ष 2020 में कोविड-19 संक्रमण की आशंका से स्कूल बंद होने की वजह से करीब तीन लाख बच्चों के साइकिल खरीदने की राशि उसके बैंक खाते में डीबीटी नहीं की गयी. वर्ष 2021 में कक्षा नौ में प्रमोट हो चुके छात्रों को साइकिल वितरण करने की योजना बनायी गयी. साथ ही सरकार ने तय किया कि बच्चों को साइकिल की कीमत डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खाते में नहीं दी जायेगी. कल्याण विभाग द्वारा साइकिल का टेंडर निकाल कर साइकिल खरीद कर विद्यार्थियों के बीच बांटी जायेगी. लेकिन, साइकिल खरीद के लिए टेंडर आज तक फाइनल नहीं हो सका. इसके बाद कल्याण विभाग ने डीबीटी के माध्यम से बच्चों के खाते में साइकिल की राशि देने का प्रस्ताव बनाया. अब सूचना है कि राज्य सरकार साइकिल की राशि बच्चों के खातों में डीबीटी करने का प्रस्ताव नामंजूर कर चुकी है. अब एक बार फिर से साइकिलों की खरीद के लिए टेंडर करने की तैयारी की जा रही है.
सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को साइकिल कल्याण विभाग से दी जाती है. लेकिन इस साल अभी तक कोई दिशा-निर्देश नहीं आया है. कोई निर्देश आता है तो आगे की प्रक्रिया की जाएगी.
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केस स्टडी वन : छात्रा ज्योत्स्ना कुमारी संग्रामडीह से प्रतिदिन विद्यालय आती हैं. उन्होंने वर्ष 2020 में ही साइकिल के लिए आवेदन दिया था. उस समय वह अष्टम की छात्रा थी. अब वह 10वीं की छात्रा है. परंतु अब तक उसे साइकिल की राशि नहीं मिली.
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केस स्टडी टू : छात्रा पूनम कुमारी ने बताया कि उसने वर्ष 2020 में ही साइकिल के लिए आवेदन दिया था. उस समय वह आठवीं की छात्रा थी. अब दसवीं में, परंतु साइकिल की राशि नहीं मिली. दो साल से साइकिल की राशि आने का इंतजार कर रहीं हैं.
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केस स्टडी तीन : छात्रा पुष्पा ने कहा कि वह संग्रामडीह गांव से प्रतिदिन विद्यालय आती हैं. यदि उसे साइकिल मिली रहती तो वह साइकिल से आती. उसे पैदल ही विद्यालय आना पड़ता है. उसने भी वर्ष 2020 में साइकिल के लिए आवेदन दिया था. अब तक लाभ से वंचित है.
कक्षा आठ में पढ़नेवाले एसटी-एससी, ओबीसी और अल्पसंख्यक छात्रों को साइकिल देने का प्रावधान है. बीइइओ ने अपने स्तर पर विद्यार्थियों की सूची तैयार कर ली है. ताकि जब भी साइकिल को लेकर कोई निर्देश आये तो तुरंत प्रक्रिया शुरू की जा सके.