Kanpur News: कानपुर में डेंगू का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है. बुधवार को आई रिपोर्ट के अनुसार 38 नए मरीज सामने आये हैं, जिसमें दो बच्चे भी शामिल है. वहीं अब डेंगू मरीजों की कुल संख्या 603 पहुंच गई है. हैलट और उर्सला समेत निजी अस्पतालों में वायरल और डेंगू मरीजों की भरमार है.
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, उर्सला अस्पताल में 91 सैम्पल में 31 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है. यहां पर डेंगू का पॉजिटिविटी रेट 34 फीसदी पार कर गया है. साथ ही जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग की रिपोर्ट में 86 सैम्पल में 7 में डेंगू की पुष्टि हुई है.
डेंगू ने बच्चों को भी घेरना शुरू कर दिया है. बुधवार को दो बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर उर्सला अस्पताल में भर्ती किया गया है. इस बीच वायरल और डेंगू के लक्षणों पर हैलट में चौबीस घंटे में 69 व उर्सला में 11 मरीज भर्ती किए गए हैं. एसीएमओ डॉ. आरएन सिंह का कहना है कि डेंगू के मरीज अब शहर के हर इलाके में मिल रहे हैं. इसे हैवी फागिंंग से ही कंट्रोल किया जा सकता है.
डेंगू के मरीजों का ब्लड प्रेशर अचानक गिरने लगा है. इस वजह से रक्तस्राव का भी खतरा है. वहीं डिहाइड्रेशन भी मरीजों के लिए आफत है. हैलट की ओपीडी में डेंगू के लक्षण वाले मरीजों में इस तरह की जटिलताएं मिलने से डॉक्टर भी हैरान हैं. इसलिए 25 मरीजों को इमरजेंसी में भर्ती किया गया है. डॉक्टरों के मुताबिक डेंगू पीड़ित होने के दो व तीन दिन बाद मरीजों को चिकनगुनिया जैसा दर्द भी हो रहा है.
हैलट के मेडिसिन प्रोफेसर डॉ. जेएस कुशवाहा ने ब्लड प्रेशर गिरने और डिहाइड्रेशन के मरीजों की लिस्टिंग की तो बुखार के 29 मरीज मिले। डेंगू के सैम्पल मेडिकल कॉलेज भेजे गए हैं. वह जीएसवीएम की मेडिसिन हेड डॉ. ऋचा गिरी का कहना है कि अब डेंगू के मरीजों में जटिलताएं मिलने लगी हैं. एकदम से मरीज गंभीर होने लगे हैं, इसलिए मरीजों को दो दिन से ज्यादा इंतजार नहीं करना है.बुखार आ रहा है तो तत्काल डॉक्टर को दिखाएं.