World Science Day for Peace and Development 2022: हर साल 10 नवंबर को शांति और विकास के लिए विश्व विज्ञान दिवस मनाया जाता है. यह दिन समाज में विज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका और उभरते वैज्ञानिक मुद्दों पर बहस में व्यापक जनता को जोड़ने की आवश्यकता को उजागर करने के लिए मनाया जाता है.
इस दिवस की शुरुआत 1999 में विश्व विज्ञान सम्मेलन का एक परिणाम है. विज्ञान और समाज के प्रतिबद्धता के संबंध में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इस कार्यक्रम का आयोजन बुडापेस्ट में हुआ था. जिसे यूनेस्को और अंतर्रष्ट्रीय विज्ञान परिषद द्वारा सह-आयोजित किया गया था। जिसमें प्रत्येक वर्ष विज्ञान और वैज्ञानिकों के ज्ञान के उपयोग और तय किये लक्ष्यों को प्राप्त करना और उसकी प्रतिबद्धता की पुष्टि करना था. इसी के साथ कई प्रतिनिधियों ने विज्ञान के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने की बात का समर्थन किया. इसी कार्यक्रम में इथियोपिया और मलावी के प्रतिनिधिमंडल ने ब्रिटिश एसोसिएशन फॉर एडवांसमेंट ऑफ साइंस के साथ मिल कर विश्व विज्ञान दिवस का प्रस्ताव सबके सामने रखा.
पूरे विचार विमर्श के बाद यूनेस्को के कार्यकारी बोर्ड द्वारा अक्टूबर 2000 में 162 वें सत्र में यूनेस्कों ने सामान्य सम्मेलन के 31 वें सत्र में इस दिवस को अनुमोदित किया. इस सम्मेनल के सकारात्मक परिणाम स्वरूप 2001 में यूनेस्कों ने शांती और विकास के लिए विश्व विज्ञान दिवस मनाए जाने की घोषणा की गई. इसके बाद पहला शांती और विकास के लिए विश्व विज्ञान दिवस 10 नवंबर 2002 में मनाया गया.
हर साल की तरह शांती और विकास के लिए विश्व विज्ञान दिवस इस साल भी एक नई थीम के साथ मनाया जाएगा। इस साल की थीम “सतत विकास के लिए बुनियादी विज्ञान” तय की गई है.
शांति और विकास के लिए विश्व विज्ञान दिवस का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नागरिकों को विज्ञान के विकास के बारे में सूचित किया जाए. यह उस उल्लेखनीय नाजुक ग्रह के बारे में हमारी समझ को व्यापक बनाने और हमारे समाजों को अधिक टिकाऊ बनाने में वैज्ञानिकों की भूमिका को भी रेखांकित करता है.
शांतिपूर्ण और स्थायी समाज के लिए विज्ञान की भूमिका पर जन जागरूकता को मजबूत करना है. देशों के बीच साझा विज्ञान के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एकजुटता को बढ़ावा देना है. समाज के लाभ के लिए विज्ञान के उपयोग के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करना तथा विज्ञान के सामने आने वाली चुनौतियों की ओर ध्यान आकर्षित करना और वैज्ञानिक प्रयास के लिए समर्थन जुटाना है.