Indian Railway: अगर आप भारतीय रेलवे से यात्रा करते हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. दरअसल, भारतीय रेल ने दिल्ली से पटना के बीच हाई स्पीड से चलाने की योजना बनाई है. जो अब साकार होता दिख रहा है. पटना से हाई स्पीड ट्रेन शुरू होने के बाद अब पटना से दिल्ली तक का सफर महज 6 घंटे में पूरा हो जाएगा. इसके लिए बिहार में हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के सर्वे का काम पूरा हो गया है. रेल कॉरोडोर का ट्रैक पूरी तरह से एलिवेटेड होगा. हाई स्पीड रेल ट्रेन का स्टेशन बक्सर, पटना और गया में बनाये जाएंगे.
जानकारी के मुताबिक हाई स्पीड बुलेट ट्रेन की रफ्तार 350 किमी प्रति घंटे होगी. कम समय में अधिक दूरी तय करने के उद्देश्य से जापनी तकनीक पर आधारित रेलवे ट्रैक का निर्माण किया जाना है. केंद्रीय टीम ने सर्वे के बाद बिहार के वरीय अधिकारियों के साथ डीपीआर पर विचार-विर्मश किया है. अब एलिवेटेड रेलवे ट्रैक के लिए भूमि अधिग्रहण की तैयारी शुर कर दी गयी है. पटना में स्टेशन के लिए अभी जगह का चयन नहीं हो सका है. लेकिन जल्द ही स्थान का चयन कर लिया जाएगा. पटना में स्टेशन बनाने के लिए बिहाटा और एम्स के पास तीन जगह प्रस्तावित है. रेल अधिकारियों का कहना है कि रेलवे की ओर से जैसी ही भूमि अधिग्रहण के लिए प्रस्ताव दिया जाएगा, इस दिशा में काम शुरू हो जाएगा.
हाई स्पीड ट्रेन के लिए पटना में एक रेलवे स्टेशन बनाया जाना है. इसके लिए तीन जगह चिन्हित की गयी है. जहां से पहला बिहटा आईआईटी के पास है जहां यात्री स्टेट हाइवे-2 और बिहटा एकौना रोड का इस्तेमाल कर सकते हैं. दूसरी जगह पटना एम्स के पास चिन्हित की गयी है. यहां यात्री स्टेशन जाने के लिए एनएच 139 और भविष्य में पटना मेट्रो के प्रस्तावित रेलवे स्टेशन का इस्तेमाल कर सकते हैं. तीसरी जगह बिहटा एयरपोर्ट के पास है.
रेल अधिकारियों कि मानें तो हाई स्पीड रेल के लिए नई दिल्ली से लखनऊ होते हुए वाराणसी पहला रूट होगा. फिर वाराणसी से बक्सर होते हुए पटना, गया, आसनसोल, धनबाद, दुर्गापुर और हावड़ा तक दूसरी रूट की लाइन होगी. हाई स्पीड ट्रेन संचालित करने का उद्देश्य देश के प्रमुख राज्यों में अवस्थित धार्मिक स्थलों को जोड़ने है. इसलिए उसी के अनुसार रूट तैयार किया जा रहा है.
वाराणसी से बक्सर होते हुए एलिवेटेड ट्रैक पटना तक बनेगा. पटना के बाद यह गया की ओर से जाएगा. गया से टैक हावड़ा तक बनाया जाएगा. बिहार में इन्हीं तीन शहरों में स्टेशन बनाए जाएंगे. रेलवे की ओर से हाई स्पीड ट्रेन की रूट की डिजाइन स्थानीय तौर पर संबंधित राज्यों के प्रशासन को दे दी है. अब स्थानीय प्रशासन रूट के अनुसार अधिग्रहित की जाने वाली भूमि के स्वरूप के बारे में जानकरी लेगा. यानी जमीन सरकारी है या निजी. इसके बाद भूमि अधिग्रहण की प्रकिया शुरू कर दी जाएगी.