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गुजरात चुनाव 2022: अहमदाबाद का एक ऐसा वार्ड, जहां से चुने गए जाते हैं 5 विधायक और 4 सांसद!

Gujarat Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी, कांग्रेस समेत आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रचार अभियान में पूरी ताकत के साथ जुट गए है. वहीं, मतदाताओं ने भी अपने बूथ से जुड़ी जानकारी को एकत्रित करना शुरू कर दिया है.

Gujarat Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी, कांग्रेस समेत आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रचार अभियान में पूरी ताकत के साथ जुट गए है. आम आदमी पार्टी के इस बार गुजरात चुनाव में एंट्री के साथ ही बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख दलों के लिए परेशानी बढ़ने की चर्चा जोरों पर है. बताते चलें कि गुजरात में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 1 और 5 दिसंबर को होंगे. इसी के मद्देनजर, मतदाताओं ने भी अपने बूथ से जुड़ी जानकारी को एकत्रित करना शुरू कर दिया है. इसी बीच, अहमदाबाद के नगर पालिका वार्ड लांभा से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है.

जानिए क्या है लांभा के लोगों की परेशानी

बताया जा रहा है कि अहमदाबाद के नगर पालिका वार्ड लांभा एक ऐसा वार्ड है, जहां के मतदाता 5 विधायक, 4 सांसद और 4 पार्षद चुनते हैं. दरअसल, नगर पालिका वार्ड लांभा का परसीमन इस तरह है कि यहां के लोग अलग-अलग विधानसभाओं एवं लोकसभाओं में बंट गए हैं और यही यहां के लोगों के लिए परेशानी का सबब है. टॉइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, 44 वर्ग किमी के इस क्षेत्र के लोगों के पास विधायकों, सांसदों और पार्षदों की बड़ी फौज है. बावजूद इसके यहां रहने वाले लोगों की परेशानी को समझने वाला कोई नहीं है. सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, यहां के लोगों को सड़कें, सीवर एवं पानी की समस्या से रूबरू होना पड़ता है. बताया जाता है कि सभी सांसद, विधायक और पार्षद एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालते हैं.

जानिए क्या कहते है निर्दलीय पार्षद

लांभा में वेजलपुर, दस्करोई, दानिलिमदा, वटवा और मणिनगर विधानसभा क्षेत्रों के कुछ हिस्से मिलते हैं. इसके अलावा, खेड़ा, गांधीनगर, अहमदाबाद पश्चिम और अहमदाबाद पूर्व लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के स्वार्थ लांभा में आते हैं. टॉइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, लांभा से अहमदाबाद नगर निगम के निर्दलीय पार्षद कालू भरवाड़ का कहना है कि शहर में उनका एकमात्र वार्ड है, जो कई विधानसभा और संसदीय क्षेत्रों में विभाजित है. उन्होंने कहा कि इस तरह का विभाजन यहां रहने वाले लोगों के लिए परेशानी का कारण बनता हैं. दरअसल, उन्हें इस बात का पता ही नहीं होता है कि समस्या होने पर किस विधायक या सांसद से संपर्क करना है.

जानिए क्या कहते है लांभा के निवासी

टॉइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, लांभा में ज्योतिनगर सोसाइटी के निवासी 24 वर्षीय राहुल परमार का कहना है कि 2007 में जब इसे एएमसी के अधिकार क्षेत्र में लाया गया था, तब लांभा वार्ड लगभग 58 वर्ग किमी का था. लेकिन, उस वर्ष विधानसभा चुनाव से पहले एक सीमा परिसीमन ने इसके क्षेत्र को कम करके 44 वर्ग किमी कर दिया. परमार ने कहा कि एक दशक से वार्ड में सड़क, सीवर और पानी के नेटवर्क सहित बुनियादी सुविधाएं ठीक से उपलब्ध नहीं कराई गई हैं. उन्होंने कहा कि वार्ड का एक बड़ा हिस्सा एक औद्योगिक क्षेत्र है. वहीं, लांभा वार्ड के कांग्रेस अध्यक्ष घनश्याम सिंह परमार ने कहा कि लांभा एकमात्र वार्ड है, जिसका प्रतिनिधित्व एक से अधिक राजनेता करते हैं. लेकिन, नागरिक सुविधाओं के मामले में हमारे पास कुछ भी नहीं है. सामने आ रही जानकारी के मुताबिक, लांभा का एक बड़ा हिस्सा 52 मतदान केंद्रों के साथ मणिनगर विधानसभा सीट के अंतर्गत आता है.

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