Aghan Month 2022 Festival calendar: मार्गशीर्ष मास की शुरूआत कल यानी 9 नवंबर से शुरू हो रहा है. मार्गशीर्ष को आम भाषा में ‘अगहन’ भी कहते हैं. माना जाता है कि मार्गशीर्ष माह से ही सतयुग की स्थापना हुई थी. महा ऋषि कश्यप ने मार्गशीर्ष महीने में ही कश्मीर राज्य की स्थापना की थी.
अगहन मास में वैसे तो कई व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं, लेकिन इनमें से कुछ ही खास है, जैसे कालभैरव अष्टमी, उत्पन्ना एकादशी, विवाह पंचमी, नंदा सप्तमी, मोक्षदा एकादशी और अनंग त्रयोदशी. इनके अलावा महीने के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा तिथि पर दत्त जयंती का पर्व मनाया जाता है.
हिंदू पंचांग में 12 महीने बताए गए हैं. इनमें से सिर्फ नौवें महीने यानी अगहन का ही एक अतिरिक्त नाम भी है. अगहन मास का एक नाम मार्गशीर्ष भी है क्योंकि इस महीने के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा मृगशिरा नक्षत्र में होता है. मृगशिरा से ही मार्गशीर्ष नाम बना है. इस महीने को भगवान श्रीकष्ण का महीना भी कहा जाता है.
मार्गशीर्ष मास में श्रद्धा और भक्ति से प्राप्त पुण्य के बल पर हमें सभी सुखों की प्राप्ति होती है. इस माह में नदी स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है. श्रीकृष्ण ने मार्गशीर्ष मास की महत्ता गोपियों को भी बताई थी. उन्होंने कहा था कि मार्गशीर्ष माह में यमुना स्नान से मैं सहज ही सभी को प्राप्त हो जाऊंगा. तभी से इस माह में नदी स्नान का खास महत्व माना गया है.
कार्तिक पूर्णिमा के साथ ही 8 नवंबर 2022 को कार्तिक माह खत्म हो गया और 9 नवंबर 2022 से भगवान श्री कृष्ण का प्रिय महीना मार्गशीर्ष या अगहन शुरू हो रहा है. मार्गशीर्ष का महीना हिंदू धार्मिक पंचांग का नौवां महीना है. धर्म शास्त्रों के मुताबिक मार्गशीर्ष का महीना अत्यंत पवित्र होता है. इस महीने से ही सतयुग का आरंभ भी माना जाता है. श्रीमद्भगवत गीता में भगवान श्री कृष्ण ने कहा है- सभी बारह महीनों में मार्गशीर्ष मैं स्वयं हूं. इससे साफ पता चलता है कि यह कृष्ण का प्रिय महीना है.