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पीएम आवास योजना: केंद्र ने बिहार के गरीबों के घर के लिए नहीं दिए 3 हजार करोड़,राज्य ने जारी किया 7.76 अरब

ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने सोमवार को बताया कि सामान्य मद में भारत सरकार से राज्य को तीन हजार करोड़ रुपये प्राप्त होना शेष है. राज्य सरकार द्वारा जारी बजट वित्तीय वर्ष 2022-23 में खर्च किया जायेगा.

पटना. राज्य का कोई भी परिवार बेघर न रहे इस दिशा में राज्य एक कदम और आगे बढ़ गया है. प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अपूर्ण आवासों के निर्माण को जल्द पूरा कराने के लिए ग्रामीण विकास विभाग ने सात अरब 76 करोड़ 33 लाख की धनराशि के सभी जिलों को आवंटित कर दी है. हालांकि, केंद्र सरकार से बिहार सरकार को योजना मे सामान्य मद की धनराशि अभी तक नहीं मिली है.

‘तीन हजार करोड़ रुपये प्राप्त होना शेष है’

ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने सोमवार को बताया कि सामान्य मद में भारत सरकार से राज्य को तीन हजार करोड़ रुपये प्राप्त होना शेष है. राज्य सरकार द्वारा जारी बजट वित्तीय वर्ष 2022-23 में खर्च किया जायेगा. ग्रामीण क्षेत्र का कोई भी गरीब पात्र परिवार गृहविहीन नहीं रहेगा. सरकार उन्हें आवास सहायता प्रदान कर पक्के मकान उपलब्ध करायेगी श्रवण कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2016- 17 से केंद्र प्रायोजित इंदिरा आवास योजना को पुनर्गठित कर प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) किया गया है.

’96 हजार 688 आवासों की मंजूरी दी गयी है’

योजना में कुल लक्ष्य का 60 प्रतिशत अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए, अल्पसंख्यकों के लिए 15 और बाकी लक्ष्य गैर अनुसूचित जाति- जनजाति के लिए है. पांच प्रतिशत आवास विकलांगों के लिए हैं. श्रवण कुमार ने बताया कि केंद्र से वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक के लिए 27 लाख 12 हजार 795 का लक्ष्य प्राप्त हुआ था . लक्ष्य के विरुद्ध 26 लाख 99 हजार 150 आवासों की स्वीकृति मिली है. 25 लाख 63 हजार 488 आवासों को पूर्ण करा दिया गया है, यानी कुल स्वीकृत आवासों का 95 प्रतिशत के करीब काम पूरा हो गया है. वर्तमान में अपूर्ण आवासों की संख्या एक लाख 35 हजार 62 है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में 10 लाख 30 हजार 585 आवासों में नौ लाख 96 हजार 688 आवासों की मंजूरी दी गयी है. छह लाख 48 हजार 585 आवास पूर्ण कर लिये हैं. बचे हुए तीन लाख 48 हजार 103 अपूर्ण आवासों का निर्माण चल रहा है.

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