गुजरात चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने प्रचार तेज कर दी है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी गुजरात में प्रचार करते नजर आएंगे जहां पिछले 27 साल से भाजपा लगातार जीत दर्ज करती आ रही है. छोटू वसावा के नेतृत्व वाली भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने इस बाबत जानकारी दी है. अगले महीने होने वाले गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए ‘‘पुराने दोस्त” जनता दल (यूनाइटेड) के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन करने की सोमवार को घोषणा बीटीपी ने की है.
भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) का नेतृत्व करने वाले नेता छोटू वसावा ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री एवं जद (यू) नेता नीतीश कुमार गुजरात में प्रचार करेंगे. यहां चर्चा कर दें कि गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा के लिए एक और पांच दिसंबर को मतदान होना है. हालांकि अभी तक ये बात सामने नहीं आयी है कि चुनाव में जद (यू) कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
बीटीपी संस्थापक वसावा ने इस संबंध में मीडिया को जानकारी दी. उन्होंने कहा कि बीटीपी और जद (यू) पुराने दोस्त हैं और इसलिए हमने चुनाव पूर्व गठबंधन करने का निर्णय लिया है. हमारी पार्टी उनकी मदद करेगी और वे हमें मदद पहुंचाएंगे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव प्रचार के लिए गुजरात पहुंचेंगे और जनता से वोट मांगेंगे. उन्होंने आगे कहा कि हमारा लक्ष्य वर्तमान (भाजपा) शासन को गुजरात से उखाड़ फेंकना है.
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यहां चर्चा कर दें कि बीटीपी ने 12 विधानसभा क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची की घोषणा पिछले दिनों की है. इस सूची में अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित नौ सीटें शामिल हैं. सितंबर के महीने में, बीटीपी ने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) के साथ अपना चार महीने पुराना चुनाव पूर्व गठबंधन तोड़ दिया था. बीटीपी की ओर से यह आरोप लगाया गया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अरविंद केजरीवाल को बीटीपी को हराने के लिए भेजा है.
मौजूदा विधानसभा पर नजर डालें तो बीटीपी के दो विधायक हैं. छोटू वसावा जहां भरूच में झगडिया सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं, वहीं उनके बेटे एवं बीटीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश वसावा नर्मदा जिले के डेडियापडैन से विधायक हैं. यदि आपको याद हो तो एक अनुभवी आदिवासी नेता छोटू वसावा 1990 से 2017 तक जद (यू) के साथ थे. उन्होंने नीतीश कुमार के भाजपा के साथ गठबंधन करने के बाद पार्टी छोड़ दी और 2017 के विधानसभा चुनावों से पहले बीटीपी का गठन किया. उन्होंने इससे पहले 2020 में गुजरात पंचायत चुनाव से पहले असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम के साथ और इस साल आप के साथ चुनावी गठबंधन किया था. हालांकि वसावा ने आप से नाता तोड़ लिया और दावा किया कि केजरीवाल भाजपा के इशारे पर काम कर रहे हैं.
भाषा इनपुट के साथ