पटना. बिहार में शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के लिए राज्य सरकार अब पीने वालों से अधिक शराब के धंधेबाजों की गिरफ्तारी व उनको सजा दिलाने पर अधिक फोकस करेगी. शराब की आपूर्ति व बिक्री करने वालों की पकड़ने को लेकर पहले से चल रहे अभियान को तेज किया जायेगा. सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार में शराबबंदी को लेकर हुई समीक्षा बैठक के बाद राज्य के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी.
मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश दिया है कि नाजायज शराब की आपूर्ति और बिक्री के खिलाफ चल रहे अभियान को और भी सघन बनाया जाये. इसकी सप्लाइ करने वाले राज्य के अंदर और बाहर के लोगों को पकड़ने में तेजी लायी जाये. इसका भंडारण और बिक्री करने वालों को ही पकड़ा जाये. पीने वालों की अपेक्षा ऐसे लोगों को न सिर्फ पकड़ा जाये, बल्कि उनको कोर्ट से सजा दिलाने का काम भी हो. एक अप्रैल से लागू संशोधित कानून के तहत कार्यपालक दंडाधिकारियों को जुर्माना लेकर छोड़ने का अधिकार दिये जाने संबंधित सवाल पर मुख्य सचिव ने कहा कि कानून का उद्देश्य पूरा हो रहा है. कार्यपालक दंडाधिकारी की जगह न्यायिक दंडाधिकारी के माध्यम से ही इस उद्देश्य को पूरा किया जा रहा है.
मद्यनिषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने कहा कि शराबबंदी को बेहतर ढंग से लागू करने के लिए बीते त्योहारी महीने अक्तूबर में ही 20 हजार से अधिक लोग गिरफ्तार किये गये. इनमें आम से लेकर खास लोग शामिल रहे. दोबारा शराब पीकर पकड़े जाने वालों को भी सजा हो रही है. पीने वालों की अपेक्षा राज्य के बाहर बैठे माफियाओं पर भी फोकस किया जा रहा है. दियारा इलाके में शराब नष्ट करने को लेकर ड्रोन जैसे आधुनिक यंत्रों का सहारा लिया गया. उन्होंने कहा कि जनवरी 2022 में प्रतिदिन 300 लोग गिरफ्तार होते थे, जिनकी संख्या अब बढ़ कर 1200 हो गयी है. अगले तीन महीने में यह संख्या 1500 तक बढ़ सकती है. लेकिन, एक पीक प्वाइंट के बादगिरफ्तारी से लेकर शिकायत करने और पीने वालों में कमी आयेगी.
आइजी (मद्यनिषेध) अमृत राज ने कहा कि बिहार पुलिस शराब की सप्लाइ चेन को तोड़ने का पूरा प्रयास कर रही है. इसके तहत बाहर से शराब मंगाने वाले बिहार के धंधेबाजों से संबंधित कई केस को इकाई देख रही है. इनके द्वारा कई रिसीवर्स की पहचान की गयी. पुलिस ने पिछले एक साल में बिहार के अंदर दूसरे राज्यों से सप्लाइ करने वाले 90 लोगों को पकड़ा है. सप्लाइ चेन और रिसीवर से जुड़े 60 हजार लोग पकड़े गये. होम डिलिवरी करने वालों को लेकर भी अभियान चलाया जा रहा है. कई बड़े माफियाओं को सजा दिलाने के लिए स्पीडी ट्रायल चलाया जा रहा है. समीक्षा बैठक में डीजीपी एसके सिंघल, एडीजी (विशेष शाखा) और उत्पाद आयुक्त भी मौजूद रहे.