कार्तिक पूर्णिमा का हिन्दू धर्म में विशेष स्थान है. इस दिन को देव दीपावली के रूप में भी जाना जाता है. लेकिन इस वर्ष आठ नवंबर कार्तिक पूर्णिमा के दिन भरणी नक्षत्र व मेष राशि में दूसरा व अंतिम खग्रास चंद्र ग्रहण लग रहा है. ऐसे में इस वर्ष स्नान-दान की यह पूर्णिमा सर्वार्थ सिद्धि योग में मनायी जायेगी. इस चंद्र ग्रहण मेष राशि व भरणी नक्षत्र में होने से इसका ज्यादा प्रभाव इसी राशि और नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों पर पड़ेगा. इससे पहले इस वर्ष 16 मई को चंद्र ग्रहण लगा था.
पटना में साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 08 नवंबर को शाम 5 बजकर 05 मिनट से शुरू होगा और शाम 06 बजकर 18 मिनट पर समाप्त होगा. चंद्र ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले इसका सूतक काल शुरू हो जाता है. 8 नवंबर को लगने जा रहे चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 बज कर 05 मिनट से लग जायेगा. ग्रहण से पहले 3 प्रहर का सूतक लग जाता है. चंद्रग्रहण में सफेद फूल व चंदन से चंद्रमा और भगवान शिव की आराधना की जाती है. इस दौरान लोगों द्वारा दुर्गा सप्तशती का पाठ करने के साथ गुरु को स्मरण किया जाता है.
मंगलवार को कार्तिक स्नान कर वाले लोग गंगा स्नान करेंगे. कल ग्रहण लगने की वजह से श्रद्धालुओं को ग्रहण के 9 घंटे पहले यानी सूतक लगने से पहले स्नान करना होगा. ऐसे में श्रद्धालु कल सुबह 9 बजे से पहले गंगा स्नान कर लेंगे. ज्योतिषों के अनुसार सूतक काल में भोजन पकाना या खाना, नये कार्य का आरंभ, मूर्ति पूजा और मूर्ति यों का स्पर्श , तुलसी के पौधे का स्पर्श नहीं करना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को चाकू एवं छुरी का प्रयोग कदापि नहीं करना चाहिए. इसका सीधा असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर होता है.
चंद्र ग्रहण उस वक्त लगता है जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है. वैज्ञानिक रूप से इसे एक अद्भुत खगोलीय घटना माना जाता है और वैज्ञानिकों को ऐसी घटनाओं का बेसब्री से इंतजार रहता है. वहीं धार्मिक दृष्टिकोण से इसे अशुभ माना जाता है. 8 नवंबर को लगने वाला इस वर्ष का आखिरी चंद्रग्रहण भारत समेत विश्व के विभिन्न देशों में नजर आएगा.