ऋषि सुनक के ब्रिटेन के नये प्रधानमंत्री बनते ही भारत के लिए अच्छी खबरें आनी शुरू हो गयी हैं. ताजा खबर है कि यूके के कोर्ट से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी भगोड़े आर्म्स डीलर संजय भंडारी के प्रत्यर्पण की मंजूरी मिल गयी है.
संजय भंडारी पर हैं ये आरोप
ब्रिटेन की एक अदालत ने सोमवार को फैसला दिया कि हथियारों के सौदों में आरोपी बिचौलिए संजय भंडारी को कर चोरी एवं धनशोधन से जुड़े आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है. भंडारी (60) के प्रत्यर्पण के लिए भारतीय अधिकारियों ने दो अनुरोध किए थे. पहला अनुरोध धनशोधन से जुड़ा था जबकि दूसरा कर चोरी से संबंधित था.
ब्रिटिश गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन लेंगी संजय भंडारी के प्रत्यर्पण पर आखिरी फैसला
जिला न्यायाधीश माइकल स्नो ने इस साल की शुरुआत में लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में मामले की सुनवाई की थी. उन्होंने अपने फैसले में कहा कि भंडारी के प्रत्यर्पण पर कोई रोक नहीं है और उन्होंने इस मामले को ब्रिटिश गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन को भेजने का फैसला किया जो अदालती फैसले के आधार पर प्रत्यर्पण का आदेश देने के लिए अधिकृत हैं.
संजय भंडारी को दिल्ली की तिहाड़ जेल में एक अलग कमरे में रखा जाएगा
अदालत ने भारत सरकार के इस आश्वासन के आधार पर यह आदेश सुनाया कि भंडारी को सुनवाई के दौरान नयी दिल्ली की तिहाड़ जेल में एक अलग कमरे में संबंधित स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ रखा जाएगा. भंडारी के संबंध में भारत सरकार के प्रत्यर्पण अनुरोध को ब्रिटेन की तत्कालीन गृह मंत्री प्रीति पटेल ने जून 2020 में प्रमाणित किया था और उसी साल जुलाई महीने में भंडारी को प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार कर लिया गया था.