झारखंड राज्य बने 22 साल हो गये, परंतु गुमला शहर में अब तक स्थायी रूप से जल संकट की समस्या दूर नहीं हुई है. खटवा नदी जलापूर्ति केंद्र को बंद कर नागफेनी जलापूर्ति केंद्र शुरू की गयी. इसके बाद भी समस्या जस की तस है. गुमला शहर की 52 हजार आबादी परेशानी है. कई इलाकों में अभी भी सप्लाई पानी नहीं पहुंचता है. अगर पाइप बिछा है, तो वह शो-पीस बन कर रह गया है.
इधर, अभी गुमला शहर में जल संकट गहरा गया है. लोगों को पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा है. सप्लाई पानी नहीं मिलने से लोगों को पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है. बीते 15 दिन से गुमला शहर में जल संकट गहराया हुआ है. दूसरी तरफ गुमला प्रशासन पानी आपूर्ति करने में फेल है. पीएचइडी विभाग की लापरवाही का खमियाजा गुमला शहर की 52 हजार आबादी को भुगतनी पड़ रही है. लगातार शहर में जल संकट गहरा रहा है, परंतु, पीएचइडी विभाग के कार्यपालक अभियंता इस समस्या के समाधान के लिए पहल करते नजर नहीं आ रहे हैं.
हालांकि, विभाग के कुछ कनीय अधिकारी फील्ड पर नजर आ रहे हैं और उनका बस एक ही रोना है. पाइप फटने से गुमला शहर में पानी आपूर्ति करने में परेशानी हो रही है. बता दें कि दीपावली पर्व से पहले नागफेनी कोयल नदी के इंटक वेल में बालू घुसने से शहर में पानी सप्लाई बंद कर दी गयी थी. विभाग हर दिन एक ही बहाना बनाता रहा कि कुआं से बालू निकाला जा रहा है. जल्द शहर में पानी सप्लाई कर दी जायेगी. इधर, नागफेनी जलापूर्ति केंद्र के इंटक वेल से बालू निकालते पर्व समाप्त हो गया. छठ पर्व आया, तो सड़क निर्माण में लगी जेसीबी मशीन से पाइप फट गयी.
इसके बाद पुन: गुमला शहर में पानी सप्लाई बंद हुई. पाइप बनाने का काम चल ही रहा था कि शनिवार को पुन: हवाई अड्डा से लेकर नागफेनी के बीच बन रही फोरलेन सड़क के चौड़ीकरण के दौरान जलापूर्ति केंद्र का पाइप तीन जगह फट गया, जिससे पानी सप्लाई करने की सारी उम्मीदें धरी की धरी रह गयी. अभी लोगों को और कुछ दिन सप्लाई पानी के लिए तरसना होगा.