Mokama bypolls result News मोकामा में बाहुबली विधायक अनंत सिंह (Anant Singh) का एक बार फिर से जलवा कायम रहा. अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी ने बाहुबली ललन सिंह की पत्नी सोनम सिंह को करीब 16 हजार 741 वोटों से हरा दिया. यह सब तब हुआ जब अनंत सिंह जेल में हैं और बीजेपी के सभी सीनियर नेता सोनम देवी के प्रचार के लिए मोकामा में कैंप कर रहे थे. बीजेपी ने भी मोकामा में अपनी हार को स्वीकार करते हुए कहा कि मोकामा की महागठबंधन की नहीं यह जीत ‘छोटे सरकार’ की जीत है. उनके काम पर मोकामा की जनता ने अपनी मुहर लगाई है. हालांकि भूमिहार बहुल्य मोकामा में बीजेपी ने अनंत सिंह को वोटबैंक में सेंघमारी करने का भरपूर प्रयास किया. लेकिन, उन्हें वो सफलता नहीं मिली जिसकी उन्हें उम्मीद थी. बताते चलें कि मोकामा में 50 से 60 प्रतिशत वोटर भूमिहार हैं.
मोकामा के लोगों की मानें तो अनंत सिंह भले ही पूरे देश के लिए बाहुबली हो, लेकिन मोकामा की जनता के लिए सेवक बने रहते हैं. उनकी सुख -दुख में वे हमेशा उनके साथ रहते हैं. जदयू के टिकट पर अनंत सिंह 2005 में पहली बार सूरज भान सिंह को हराकर मोकामा के विधायक बने. तब से लेकर अब तक यहां पर उनका ही सिक्का चलता है. अनंत का क्यों मोकामा में जादू चलता है ? इसपर मोकामा टाल क्षेत्र के राम बालक सिंह कहते हैं अनंत सिंह के बाढ़ या पटना आवास पर आने वाले से उनकी समस्या बाद में पूछी जाती है. पहले उन्हें चाय नाश्ता भोजन कराया जाता है. उसके बाद उनसे काम पूछा जाता है. फिर उनका प्रतिनिधि काम लेकर आयी जनता का तुरंत काम करवाते हैं. जरूरत पड़ने पर अनंत सिंह उसके काम के लिए संबंधित लोगों को फोन भी करते हैं. उनका यह प्रयास रहता है कि काम तुरंत हो जाए.
मोकामा में पूरी ताकत लगाने के बाद भी बीजेपी क्यों हार गई? इसका जवाब भी मोकामा की जनता ही देती है. अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर ये लोग कहते हैं कि हम लोगों ने वर्ष 2000 में सूरज भान सिंह को दिया था. वे पांच साल तक यहां के विधायक थे. लेकिन, काम के नाम पर सिर्फ राजनीति करते रहे. अनंत सिंह ने मोकामा में काम कर के विकास की एक बानगी प्रस्तुत किया है. मोकामा का ऐसा कोई गांव नहीं है जिसके चारों ओर से सड़क नहीं है. इसके साथ ही सामुदायिक भवन, चापाकल या अन्य सुविधा जो होना चाहिए वह सब मोकामा के करीब हर गांव में उपलब्ध है. यह सब कुछ अनंत सिंह ने किया है. लेकिन, सूरज भान सिंह ने अपने कार्यकाल में इसकी शुरूआत भी नहीं किया था.
बीजेपी टाल क्षेत्र में भी अनंत सिंह के वोटबैंक में सेंघमारी करने का प्रयास किया. ताकि यादव अनंत सिंह की जगह बीजेपी को अपना समर्थन दे दें. इसी प्रकार चिराग पासवान का रोड शो करवा कर पासवान वोटरों को भी अपने पक्ष में करने का प्रयास किया था. लेकिन, ये वोट में तब्दील नहीं हो पाए. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि बीजेपी ने चिराग को थोड़ा लेट से मैदान में उतारा. इसके कारण पासवान वोटर गोलबंद नहीं हो पाए. वहीं टाल में बीजेपी नेता और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय अपने समाज के वोट को बीजेपी में तब्दील करने का प्रयास किया. लेकिन, यादवों ने लालू और अनंत पर भरोसा जताया.