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घर में इस्तेमाल होने वाले साबुन, शैम्पू और टूथपेस्ट से कैंसर का खतरा, रिसर्च में हुआ खुलासा

Cancer Risk From Soap Shampoo And Toothpaste: शोधकर्ताओं ने बताया कि ड्राई शैंपू, एरोसोलाइज्ड स्प्रे, परफ्यूम और सनस्क्रीन में बेंजीन नाम का कंपाउंड मिला होता है.‘काफी समय तक इसके इस्तेमाल करने पर यह बेंजीन अलग-अलग तरह के ब्लड कैंसर और ल्यूकेमिया का कारण बनता है.

Cancer Risk From Soap Shampoo And Toothpaste: स्वस्थ रहने के लिए साफ-सफाई बेहद जरूरी है, लेकिन इसे लेकर एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है, शोधकर्ताओं ने एक रिसर्च में खुलासा किया कि आपके घर में इस्तेमाल की जाने वाली साबुन, शैम्पू, टूथपेस्ट और पाउडर से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है. विशेषज्ञों ने पाया कि इन उत्पादों में रसायन यौगिकों का इस्तेमाल किया जाता है. जिसका सीधा संबंध एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस से होता है. इससे शरीर में बैक्टीरिया आदि को खत्म करने वाली एंटीबॉडीज को नुकसान पहुंचा रहे. यह खुलासा टोरंटो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में किया है.

नामुमकिन हो सकता है इलाज

टोरंटो यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर हुई पेंग के नेतृत्व में किया गया है. अध्ययन के मुताबिक मिट्टी में हजारों रसायन पाए जाते हैं. इनमें ट्राइक्लोसन को प्रमुख एंटीबैक्टीरियल कंपाउंड के रूप में पाया गया है, जो ई-कोलाई पर असर करता है. एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंसयानी रोगाणुरोधी प्रतिरोध उस समय होता है, जब बैक्टीरिया और फंगस उन्हें खत्म करने के लिए तैयार की गईं दवाओं को हराने की क्षमता विकसित करती है. इसका मतलब यह है कि इनके प्रयोग से कीटाणु खत्म नहीं होते हैं बल्कि और बढ़ते हैं. ऐसे में रेसिस्टेंट इंफेक्शन का इलाज मुश्किल और कभी-कभी नामुमकिन हो सकता है.

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एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंसबन बड़ा खतरा

दुनियाभर में आम लोगों के लिए शाकधकर्ताओं ने एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस को बड़ा खतरा बताया गया है. इसकी वजह से दुनियाभर में 1.27 मिलियन लोगों की मौत हो गई है. वहीं 2019 में होने वाली लगभग पांच मिलियन यानी 50 लाख लोगों की मौत से इसका संबंध है. रिसर्च के अनुसारयह पहली बार नहीं है कि जब दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाले उत्पादा में हानिकारक रसायन पाए गए हों. वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययनों में इस तरह के कई मामले सामने आते रहते हैं.

रसायनों के सही मिश्रण पर नहीं दे रहे ध्यान

शोधकर्ताओं का कहना है कि कंपनियां स्वास्थ्य संबंधी पहलुओं को नजरअंदाज करते है. ये बस अपना व्यवसायीकरण कर रही हैं. उन्होंने बताया कि कई बार कंपनियों के पास कोई स्टैंडर्ड सेटअप न होने के कारण वे इन उत्पादों को बनाते समय कंपाउंड (रसायनों का सही मिश्रण) पर ध्यान नहीं देते. शोधकर्ताओं ने इस तरह के उत्पादों से तब तक दूरी बनाने की सलाह दी है.

कैंसर होने का खतरा

शोधकर्ताओं ने बताया कि ड्राई शैंपू, एरोसोलाइज्ड स्प्रे, परफ्यूम और सनस्क्रीन में बेंजीन नाम का कंपाउंड मिला होता है.‘काफी समय तक इसके इस्तेमाल करने पर यह बेंजीन अलग-अलग तरह के ब्लड कैंसर और ल्यूकेमिया का कारण बनता है. इसके इस्तेमाल से रोमछिद्र बंद होने लगते हैं. जिसके कारण सिर में खुजली हो सकती है, जिसकी वजह से बाल झड़ने लगते हैं.

पाउडर और टूथपेस्ट नुकसानदेह

घरों में इस्तेमाल होने वाले पाउडर में एस्बेस्टस होता है. इससे ओवेरियन कैंसर या यूटेरिन कैंसर का खतरा हो सकता है. टूथपेस्ट को लेकर शोधकर्ताओं ने कहा कि इसमें ट्राइक्लोसन कंपाउंड होता है. तय मानक में काफी समय तक इसका इस्तेमाल करने से यह कैंसर का कारण भी बन सकता है.

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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