Delhi Pollution: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हवा की गति बढ़ने और पराली जलने की घटनाओं में कमी आने के बाद वायु गुणवत्ता में कुछ सुधार जरूर हुआ लेकिन वायु गुणवत्ता सूचकांक अभी भी ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज किया जा रहा है. दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के कारण इलाकों में धुंध छायी रही. केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों पर नजर डालें तो, दिल्ली में रविवार शाम चार बजे पिछले 24 घंटों में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 339 दर्ज किया गया जो शनिवार के 381 के मुकाबले कुछ बेहतर माना जा सकता है.
निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर (Skymet Weather) के मुताबिक एक पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय से गुजर रहा है. इस पश्चिमी विक्षोभ के कारण पाकिस्तान और पंजाब पर एक चक्रवाती परिसंचरण देखा जा सकता है. बताया गया है कि कम से कम अगले 2-3 दिनों तक पूर्वी हवाएं चलती रहेंगी. इसलिए खेत में जलायी जा रही पराली की आग से निकलने वाला धुआं कम परेशान करेगा. हालांकि 9 नवंबर से एक बार फिर हवाएं अपनी दिशा बदल लगी जिससे प्रदूषण और बढ़ता नजर आएगा.
स्काईमेट वेदर के अनुसार वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दो तरह के मौसम के कारक जरूरी हैं. पहला भारी बारिश जो प्रदूषकों को धोने में मददगार साबित होती है. वहीं दूसरा मध्यम से तेज हवा जो आमतौर पर प्रदूषकों का बिखराव करतीं हैं और प्रदूषण से राहत देती है. हालांकि अगले एक या दो सप्ताह के दौरान इनमें से किसी भी मौसम की गतिविधि की उम्मीद नहीं नजर आ रही है.
इधर भोपाल में वायु प्रदूषण पर ब्रिजेश शर्मा (क्षेत्रीय अधिकारी,मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) ने बताया कि AQI के मुताबिक दिवाली के बाद से हवाओं में प्रदूषण पायी जा रही है. ठंड का मौसम आने और वाहनों से निकलने वाली धूल के कारण इसमें बढ़ोतरी देखी जा रही है. यही नहीं पराली जलने के कारण भी प्रदूषण बढ़ रहा है.
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चेन्नई क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने जानकारी दी है कि चेन्नई और चेंगलपट्टू जिलों में बादल गरजने के साथ हल्की से मध्यम बारिश आज होने की संभावना है. इधर हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति में मायड़ घाटी में ताजा बर्फबारी देखी गयी है. बर्फबारी के कारण सड़क यातायात प्रभावित हुआ.