पटना. गोपालगंज विधानसभा उप चुनाव में भाजपा ने अपनी सीट बरकरार रखी है. इस सीट पर अक्तूबर 2005 से ही भाजपा का कब्जा है और सुबाष सिंह लगातार विधायक चुने जाते रहे. लेकिन, उनके निधन के बाद उप चुनाव में भाजपा ने उनकी पत्नी कुसुम देवी को टिकट दिया था. उन्होंने सहानुभूति के साथ ही भाजपा कैडर वोटों के बल पर जीत भी हासिल की, मगर अंतर काफी कम हो गया. उनके जीत के अंतर 1794 वोट से अधिक 2170 वोट नोटा को मिले. एआइएमआइएम और बसपा को मिले वोटों ने भी भाजपा की जीत में बड़ी भूमिका अदा की.
2020 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के सुबाष सिंह सर्वाधिक 43.5 फीसदी यानि 77791 वोट पाकर जीते थे. उनके नजदीकी प्रतिद्वंद्धी बसपा के अनिरुद्ध कुमार उर्फ साधु यादव को मात्र 22.94 फीसदी यानि 41039 वोट ही मिले थे. राजद-कांग्रेस गठबंधन से उतरे कांग्रेस उम्मीदवार 20.38 फीसदी यानि 36460 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे.भाजपा की जीत में असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) और मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) बड़ी फैक्टर साबित हुई. इन दोनों पार्टियों को कुल मिला कर 20 हजार से अधिक वोट मिले.
गोपालगंज विधानसभा उपचुनाव की मतगणना में पल-पल जीत-हार का समीकरण बदलता रहा. मतगणना की शुरुआती दौर में महागठबंधन की स्थिति ठीक रही, पहले राउंड में ही 915 मतों से बढ़त मिल गयी. वहीं दूसरे राउंड से भाजपा की स्थिति में सुधार होने लगा. भाजपा ने 335 मतों से बढ़त बना ली. 24 राउंड की मतगणना में महागठबंधन 10 राउंड की गिनती में आगे रहा. मतगणना के दौरान भाजपा के समर्थकों को 20वें राउंड की मतगणना में सबसे बड़ा झटका लगा जब राजद को 1194 वोट से बढ़त मिली. इस दौरान तो भाजपा के नेता से लेकर कार्यकर्ता तक सभी एकाएक मायूस हो गये.
धीरे-धीरे मतगणना का राउंड बढ़ने लगा और उनकी मायूसी कम होने लगी. 21वें राउंड से लेकर 23वें राउंड तक भाजपा आगे रही, जबकि अंतिम 24वें राउंड में भाजपा 98 वोटों से पीछे हो गयी. ओवरऑल मतगणना की रिपोर्ट जब जारी हुई तो भाजपा प्रत्याशी कुल 24 राउंड में 1794 वोटों से जीत हासिल की. भाजपा प्रत्याशी कुसुम देवी को कुल 70053 वोट मिले हैं. वहीं महागठबंधन प्रत्याशी मोहन प्रसाद गुप्ता को 68259 वोट मिले. वहीं पोस्टल बैलेट में भी भाजपा पांच वोटों से आगे रहीं. संपूर्ण मतगणना के दौरान महागठबंधन 10 राउंड में आगे रहा.