Lucknow News: प्रदेश का समाज कल्याण विभाग और आईआईटी कानपुर अब मिलकर नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर सरकार की स्कीम के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार पर रोक लगाएंगे. साथ ही आम जनता से जुड़ी सेवाओं को सुलभ और आसान बनाने के लिए काम करेंगे.
आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों के मुताबिक इस प्रकार की व्यवस्था बनायी जाएगी, जिसमें सिस्टम स्वयं संभावित गड़बड़ियों को चिह्नित करेगा और वास्तविक परीक्षण के लिए रहेगा. प्रदेश के समाज कल्याण विभाग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण और शासन के वरिष्ठ अफसरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग में आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. मणींद्र अग्रवाल व डॉ. निशीथ श्रीवास्तव ने इस पर विस्तार से मंथन किया है.
राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि निर्णय किया गया है कि लाभार्थियों के डाटा को सुरक्षित रखने और प्राइवेसी के उच्चतम मानक को फॉलो किया जाएगा, जिसके लिए आईआईटी कानपुर सलाहकार का काम करेगा. आईआईटी के सहयोग से विभागीय डाटा की एनालिसिस की जाएगी ताकि बेहतर नीतिगत फैसले लिए जा सकें.
आईआईटी विशेषज्ञों का कहना है कि समाज कल्याण विभाग का जो डाटा है, उसमें किसी प्रकार का हेरफेर न होने पाये और अपात्रों की सूची अलग से तैयार हो, इस पर मुख्य रूप से काम किया जाएगा. डाटा को सटीक रूप दिया जाएगा. डाटा की गोपनीयता, सुरक्षा एवं शुचिता के लिए ब्लॉक चेन तकनीक पर रिसर्च होगी, जिससे उद्देश्य सफल हो सके.