यूजीसी ने कहा है कि अगर विश्वविद्यालय और कॉलेज शुल्क वापसी का निर्देश नहीं मानेंगे, तो उनकी संबद्धता रद्द की जायेगी़ इसे लेकर सभी विवि के कुलपतियों और कॉलेजों के प्राचार्यों को पत्र भेजा गया है. इसमें कहा गया है कि जिस विद्यार्थी ने 31 अक्तूबर 2022 तक नामांकन वापस ले लिया या रद्द कराया है, उसे पूरी फीस वापस की जाये. यदि कोई विद्यार्थी 31 अक्तूबर से 31 दिसंबर 2022 तक नामांकन वापस या रद्द कराता है, तो एक हजार रुपये की कटौती के बाद पूरी फीस लौटायी जाये.
यूजीसी सचिव प्रो रजनीश जैन ने कहा है कि यह निर्णय अभिभावकों को वित्तीय परेशानियों से बचाने के लिए लिया गया है. यदि संस्थान समय रहते शुल्क वापसी की लंबित शिकायतों का निराकरण नहीं करते हैं, तो उन्हें यूजीसी से मिल रही अन्य सुविधाओं से वंचित कर दिया जायेगा.
इस मामले में संस्थान जरूरी कदम उठायें. शुल्क वापस करने के लंबित आवेदनों पर तुरंत फैसला लिया जाये. पत्र में कहा गया है कि कई शिक्षण संस्थानों से शिकायतें मिली हैं कि वह विद्यार्थियों द्वारा जमा किये गये मूल प्रमाण पत्र नहीं लौटा रहे हैं. यूजीसी ने इसे गंभीरता से लिया है और नामांकन रद्द कराने पर विद्यार्थियों को मूल प्रमाण पत्र लौटाने का निर्देश दिया है.