Weather Change के कारण ज्यों-ज्यों ठंड बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे बच्चे बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. हालांकि, डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच बच्चों को बुखार आने से अभिभावक परेशान हो रहे हैं. बदलते मौसम का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर देखा जा सकता है. प्रतिदिन 100 से ज्यादा मरीज अस्पताल में पहुंच रहे हैं. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ चिन्मयी ने कहा कि ठंडे मौसम में शरीर की गर्मी मेनटेन करने के लिए ऊर्जा की ज्यादा जरूरत पड़ती है. ऐसे समय में शरीर में विटामिन सी और बी-कॉप्लेक्स का स्तर भी काफी कम हो जाता है, जिस कारण सर्दी, खांसी, बुखार, माथा दर्द आदि की समस्या तेजी से बढ़ती है.
शरीर में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कागजी नींबू, संतरा, मौसमी, आंवला और ऐसे फल जिसमें खट्टापन ज्यादा होता है, उसका ज्यादा से ज्यादा सेवन करना चाहिए. इसके अलावा आवास पर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें. लोगों को अब एसी का प्रयोग बंद करे. ठंडे मौसम में पहनावा पर विशेष ध्यान दें और ज्यादा से ज्यादा शरीर ढका रहे ऐसे वस्त्र पहने.बदलते मौसम के कारण खांसी, जुकाम के साथ-साथ वायरल इंफेक्शन की शिकायतें भी बढ़ जाती हैं. दिन में कभी गर्मी का एहसास तो शाम को सर्द मौसम से रूबरू होना पड़ रहा है. इस कारण बच्चों में सर्दी, जुकाम, नेजल एलर्जी, वायरल बुखार, गले की खराबी और स्किन की एलर्जी के रोग भी पनपने लगे हैं. बच्चों में सर्दी-जुकाम के साथ निमोनिया के लक्षण भी सामने आ रहे हैं. डॉक्टरों के मुताबिक बदलते मौसम का असर अभी एक माह और रह सकता है.
इस मौसम में बुजुर्ग रोगी को विशेष रूप से संयमित रहने की जरूरत है. थोड़ी सी लापरवाही परेशानी में डाल सकती है. खासकर हृदय रोग, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, दमा और श्वास, स्किन डिसीज से पीड़त रोगियों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए. अभी के मौसम में मार्निंग वॉक धूप निकलने के बाद ही करना चाहिए. बुजुर्ग को अल सुबह मार्निंग वॉक पर नहीं जाना चाहिए. बुजुर्ग अपनी दिनचर्या में सुधार लाकर और डॉक्टर से समय-समय पर अपना हेल्थ चेकअप कराकर सर्द मौसम में बीमारी से बच सकते हैं.
-बच्चों को धूल-मिट्टी से दूर रखना चाहिए.
-सर्दी से बच्चे को बचाकर रखना चाहिए
-ज्यादा ठंडी चीजें खाने को नहीं देनी चाहिए
-बच्चे को उबला हुआ पानी पिलाया जाए
-बीमारी का आभास होने पर तुरंत विशेषज्ञ से उपचार करवाएं.