पटना. दिल्ली हाईकोर्ट ने बिहार विधानसभा के पूर्व सदस्य और कुढ़नी के विधायक अनिल सहनी को राहत दी है. दिल्ली हाइकोर्ट ने अनिल सहनी को अवकाश एवं यात्रा भत्ता घोटाला मामले में दी गयी तीन साल की सजा को निलंबित कर दिया है. अदालत से स्टे मिलने के बाद पूर्व विधायक ने राहत की सांस ली है. अदालत से मिली इस राहत के बाद पूर्व विधायक अनिल सहनी ने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाक़ात की और उन्हें एक ज्ञापन सौपा है.
अपने ज्ञापन में अनिल सहनी ने विधानसभा अध्यक्ष से गुहार लगायी है कि निचली अदालत के फैसले के निलंबन तक उन्हें विधायक का ओहदा दिया जाये. उन्होंने कहा कि दिल्ली हाइकोर्ट ने उस फैसले को निलंबित कर दिया है, जिसके आलोक में आप के आदेश से प्रभारी सचिव ने 13 अक्टूबर को कुढ़नी विधानसभा की सदस्यता खत्म कर दी थी.
दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश (9 सितंबर व 18 अक्टूबर) के आलोक में अगली तिथि तक निचली अदालत के फैसला को निलंबित किया गया है. ऐसे में अंतिम फैसला आने तक विधानसभा की सदस्यता को बहाल की जाये. सहनी ने अनुरोध किया है कि विधानसभा अपने स्तर से उच्च न्यायालय नयी दिल्ली के आदेश का अध्ययन कर भारत निर्वाचन आयोग व मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी पटना के साथ सभी विभागों को इस आदेश से अवगत कराये.
विधानसभा अध्यक्ष से मिलने के उपरात मीडिया से बात करते हुए अनिल साहनी ने कहा कि आदेश की नकल निकलने के बाद विधानसभा अध्यक्ष से मिल कर उन्हें पूरी स्थिति बतायी है. सहनी ने जांच एजेंसी पर गंभीर आरोप लगाये. उन्होंने कहा है कि 18 अक्टूबर को हाईकोर्ट का आदेश आ गया था, लेकिन छुट्टी की वजह से ऑर्डर की नकल नहीं मिल सकी थी.
पूर्व राज्यसभा सदस्य और आरजेडी विधायक अनिल साहनी को अवकाश एवं यात्रा भत्ता घोटाला मामले में दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दोषी करार दिया था. और तीन साल कैद की सजा सुनाई थी. इसके बाद अनिल साहनी की सदस्यता रद्द कर दी गयी थी.