Bihar Politics: एक मशहूर कहावत है, जब दो दोस्त दुश्मन बनते हैं और जब उन दोनों के बीच लड़ाई होती है तो वह देखने लायक होता है. बिहार की सियसत में भी कमोबेश यही हालात बने हुए है. दरअसल, बीते दिनों बिहार विधानसभा उपचुनाव को लेकर बीजेपी के नेताओं ने जदयू के खिलाफ बयान दिया था. इसके बाद जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बयान दिया था कि बीजेपी के कई नेता जदयू के संपर्क में हैं और बीजेपी में कभी भी खलबली मच सकती है.
उपेंद्र कुशवाहा के बाद बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी (Sushil Kumar Modi) ने पलटवार करते हुए कहा था कि वह लिखकर देने को लिए तैयार हैं. जदयू-राजद का विलय होना तय है. अब सुशील मोदी के इस बयान पर मंत्री अशोक चौधरी (Ashok Choudhary) ने निशाना साधा है. अशोक चौधरी ने कहा कि अगर बीजेपी लिखकर देने के लिए तैयार है, तो वे ‘एफिडेविट करवा कर दे सकते हैं कि बीजेपी के लोग हम लोगों के संपर्क में हैं’. अशोक चौधरी के इस बयान के बाद बिहार में एक बार फिर से सियासी बायनबाजी बढ़ गयी है. बता दें कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से ही दोनों दलों के बीच एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए लगातार बयानबाजी जारी है.
जदयू के वरीय नेता मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि बीजेपी के कई दिग्गज नेता हमारे संपर्क में है. वे इस बात का एफिडेविट करवा कर दे सकते हैं. अशोक चौधरी ने आगे कहा कि बीजेपी के नेता जदयू को डेमोरलाइज करने के लिए बार-बार कुछ न कुछ बयानबाजी करते रहते हैं. बीजेपी नेताओं के बयान को वे अहमियत नहीं देते हैं. इसलिए बीजेपी के नेताओं के बयान पर जवाब देना जरूरी नहीं है. बता दें कि भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी शुक्रवार को जेडीयू कार्यालय में जनता दरबार में पहुंचे थे. उनके साथ मंत्री सुमित सिंह भी थे.
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बता दें कि बीते दिनों सुशील मोदी ने राजद-जदयू के विलय होने का दावा किया था. इस सवाल पर मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि सुशील मोदी अब ज्योतिषाचार्य हो गए हैं. हमको यह पता नहीं है कि वे राजनीति में भविष्यवाणी भी करने लगे हैं. उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी के कुछ नेता जनता के बीच भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. न तो जदयू के नेताओं ने और न ही राजद के नेताओं ने विलय को लेकर कुछ कहा है.