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Dev Uthani Ekadashi 2022 Vrat Katha: देवउठनी एकादशी पर करें इस व्रत कथा का पाठ, मोक्ष की होती है प्रप्ति

Dev Uthani Ekadashi 2022 Vrat Katha: देवउठनी एकादशी पर श्रीहरि चार माह बाद योग निद्रा से जागते हैं और चातुर्मास की समाप्ति होती है. 4 नवंबर 2022 को देवउठनी एकादशी का व्रत है. विगत 10 जुलाई को देवशयनी एकादशी से चातुर्मास का आरंभ हुआ था.

Dev Uthani Ekadashi 2022 Vrat Katha:  हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत अधिक महत्व होता है. हर माह में दो बार एकादशी पड़ती है. एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में. साल में कुल 24 एकादशी पड़ती हैं. देवउठनी एकादशी पर श्रीहरि चार माह बाद योग निद्रा से जागते हैं और चातुर्मास की समाप्ति होती है. 4 नवंबर 2022 को देवउठनी एकादशी का व्रत है.

देवउठनी एकादशी 2022 मुहूर्त

कार्तिक शुक्ल देवउठनी एकादशी तिथि शुरू – 3 नवंबर 2022, शाम 7.30
कार्तिक शुक्ल एकादशी तिथि समाप्त – 4 नवंबर 2022, शाम 06.08
देवउठनी एकादशी व्रत पारण समय – सुबह 06.39 – सुबह 08.52 (5 नवंबर 2022)

देवउठनी एकादशी कथा

पौराणिक कथा (mythology) के अनुसार एक राज्य में एकादशी के दिन प्रजा से लेकर पशु तक अन्न ग्रहण नहीं करते थे. न ही कोई अन्न बेचता था. एक बार की बात है भगवान विष्णु (Lord Vishnu) ने राजा की परीक्षा लेने के लिए सुंदरी का धर लिया और सड़क किनारे बैठ गए. राजा वहां से गुजरे तो सुंदरी से उसके यहां बैठने का कारण पूछा. स्त्री ने बताया कि उसका इस दुनिया में कोई नहीं वह बेसहारा है. राजा उसके रूप पर मोहित हो गए और बोले कि तुम मेरी रानी बनकर महल चलो.

तुलसी- सालिग्राम विवाह का महत्व

देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह किया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार राजसूय यज्ञ करने से भक्तों को जिस पुण्य की प्राप्ति होती है, उससे भी अधिक फल इस दिन व्रत करने पर मिलता है. ज्योतिषाचार्य डा. शोनू मेहरोत्रा ने बताया कि देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा- आराधना करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. विगत 10 जुलाई को देवशयनी एकादशी से चातुर्मास का आरंभ हुआ था.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि prabhatkhabar.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

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