शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बुधवार को जब स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह निरीक्षण कर रहे थे, ठीक उसी समय महिला वार्ड से 50 फीट की दूरी पर सड़क पर एक महिला का प्रसव हो गया. सड़क पर प्रसव होने के कारण नवजात की जान चली गयी. वहीं दूसरी ओर महिला के पति नौशाद आलम बदहवास स्ट्रेचर के लिए इधर से उधर दौड़ते रहे. यह दर्दनाक घटना बुधवार की शाम करीब चार बजे की है.
कुव्यवस्था के कारण बच्चे को खो देनेवाली नुसरत परवीन को महिला वार्ड में भर्ती कराया गया है. बार-बार वह यही कह कर रोने लगती थी कि पहले ही अस्पताल में भर्ती कर लिया जाता तो मेरे बच्चे की जान नहीं जाती. दरअसल, हजारीबाग-चतरा रोड स्थित कुद गांव के नौशाद आलम की पत्नी नुसरत परवीन बुधवार को प्रसव के लिए मेडिकल कॉलेज आयी थी. महिला ओपीडी में महिला चिकित्सक ने नुसरत की जांच कर अल्ट्रासाउंड कराने व कुछ दवा खरीदने को कहा.
बाइक पर पत्नी को बिठा नौशाद पहले एक दवा दुकान पर गया. दवा खरीदने के बाद वह पत्नी को प्राइवेट क्लीनिक में अल्ट्रासाउंड कराने जा रहे थे, तभी नुसरत को प्रसव पीड़ा हुई. यह देख नौशाद तेजी से बाइक चला शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल जाने लगे. वह महिला वार्ड कैंपस में प्रवेश कर गये. इसी दौरान पत्नी की स्थिति असहनीय हो गयी. उन्होंने महिला वार्ड से चंद कदम दूर सड़क पर ही बाइक रोक दी. इसी दौरान सड़क पर ही प्रसव हो गया और नवजात की जान चली गयी.
महिला के पति नौशाद आलम ने अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अगर उनकी पत्नी को अस्पताल में भर्ती कर लिया जाता तो मेरे बच्चे की जान नहीं जाती. उन्होंने कहा कि महिला डॉक्टर ने कुछ दवा खरीदने और अल्ट्रासाउंड कराने को कहा. साथ ही कहा कि दवा खिला देना. पीड़ा होने पर अस्पताल ले आना. नौशाद ने भर्ती करने की गुहार लगायी तो डॉक्टर ने कहा कि प्रसव पीड़ा होने पर भर्ती कर लेंगे. नौशाद ने कहा कि पत्नी सड़क पर तड़पती रही. वहीं दूसरी ओर कोई डॉक्टर उस वक्त वहां मौजूद नहीं थे. स्ट्रेचर भी नहीं मिला.