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Common ITR Form: करदाताओं को राहत, CBDT ने जारी किया एक-समान आयकर फॉर्म का ड्राफ्ट, ये होगा फायदा

वित्त मंत्रालय ने सभी करदाताओं के लिए एक समान आयकर रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म लाने का प्रस्ताव रखा है. इसमें डिजिटल परिसंपत्तियों से होने वाली आय को भी अलग से दर्ज किये जाने का प्रावधान होगा. वर्तमान में छोटे एवं मझोले करदाताओं के लिए आईटीआर फॉर्म 1और आईटीआर फॉर्म 4 के जरिये आयकर रिटर्न जमा किये जाते हैं

ITR Form: अगर आप करदाता (Tax Payer) हैं और हर साल आयकर रिटर्न फाइल (Income Tax Return File) करते हैं, तो यह खबर आपके काम की है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने एक कॉमन आईटीआर फॉर्म (Common ITR Form) का ड्राफ्ट तैयार किया है. इस कॉमन आईटीआर फॉर्म आने के बाद से टैक्स जमा करनेवाले लोगों के लिए टैक्स फाइल करना आसान हो जाएगा.

वित्त मंत्रालय ने सभी करदाताओं के लिए एक समान आयकर रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म लाने का प्रस्ताव रखा है. इसमें डिजिटल परिसंपत्तियों से होने वाली आय को भी अलग से दर्ज किये जाने का प्रावधान होगा. वित्त मंत्रालय के तहत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा है कि ट्रस्ट एवं गैर-लाभकारी संगठनों को छोड़कर बाकी सभी करदाता इस प्रस्तावित नये आईटीआर फॉर्म के जरिये अपने रिटर्न जमा कर सकते हैं. इस नये फॉर्म पर हितधारकों से 15 दिसंबर तक टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं.

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वर्तमान में छोटे एवं मझोले करदाताओं के लिए आईटीआर फॉर्म 1 (सहज) और आईटीआर फॉर्म 4 (सुगम) के जरिये आयकर रिटर्न जमा किये जाते हैं. सहज फॉर्म का इस्तेमाल 50 लाख रुपये तक की सालाना वेतन आय वाला व्यक्ति कर सकता है जबकि सुगम फॉर्म का इस्तेमाल 50 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों एवं फर्मों के लिए निर्धारित है. आईटीआर-2 फॉर्म का इस्तेमाल आवासीय संपत्ति से आय अर्जित करने वाले लोग कर सकते हैं जबकि आईटीआर-3 फॉर्म कारोबार एवं पेशे से लाभ अर्जित करने वाले लोगों के लिए है.

आईटीआर-5 एवं 6 फॉर्म सीमित दायित्व भागीदारी (एलएलपी) एवं कारोबारों के लिए निर्दिष्ट हैं जबकि आईटीआर-7 फॉर्म का इस्तेमाल ट्रस्ट कर सकते हैं. आयकर विभाग के नियामकीय संगठन सीबीडीटी ने कहा कि आईटीआर-1 एवं आईटीआर-4 आगे भी बने रहेंगे, लेकिन व्यक्तिगत करदाताओं के पास इस साझा आईटीआर फॉर्म के माध्यम से भी रिटर्न जमा करने का विकल्प होगा.

सीबीडीटी ने कहा, आईटीआर-7 फॉर्म को छोड़कर बाकी सभी रिटर्न वाले फॉर्म को मिलाकर एक साझा आईटीआर फॉर्म लाने का प्रस्ताव है. नये आईटीआर का मकसद व्यक्तियों एवं गैर-कारोबारी करदाताओं के लिए रिटर्न जमा करने को सुगम बनाने और इसमें लगने वाले समय को कम करना है.

सीबीडीटी ने कहा कि सभी हितधारकों से मिले सुझावों के आधार पर तैयार इस साझा आईटीआर को अधिसूचित कर दिया जाएगा और आयकर विभाग इसके ऑनलाइन उपयोग की भी जानकारी देगा. नांगिया एंडरसन एलएलपी के साझेदार संदीप झुनझुनवाला ने कहा कि नया फॉर्म आने के बाद आईटीआर-2, 3, 5 एवं 6 फॉर्म के जरिये रिटर्न जमा करने वाले करदाताओं के पास अब पुराने फॉर्म का विकल्प नहीं रह जाएगा. (इनपुट : भाषा)

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