Kanpur Dehat: राजनीति का फायदा उठाने के अमूमन राजनेता वादा तो लंबे चौड़े कर देते है मगर पूरा करना भूल जाते है.लेकिन सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने साल 2016 में किये अपने वादे को लगातार पूरा करते चले आ रहे हैं. दरअसल नोटबंदी के दौरान बैंक की लाइन में लगी एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया था. जिसका अखिलेश यादव ने खजांची रखा था. यही नहीं उसकी पढ़ाई लिखाई का जिम्मा भी लिया था. हर साल नोटबंदी की वर्षगांठ पर खजांची का जन्मदिन भी सपा कार्यालय में मनाया जाता है.
नोटबंदी के दौरान बैंक की लाइन में जन्म लेने वाला खजांची नाथ अब स्कूल जाने लगा है. सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रामा इंटरनेशनल स्कूल में एडमिशन करा दिया है. सोमवार को खजांची नाथ पहले दिन स्कूल गया था. प्ले ग्रुप में बच्चों के साथ बैठे खजांची नाथ का फोटो अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है.
सरदारपुरवा जोगीडेरा निवासी गर्भवती सर्वेशा देवी नोटबंदी के दौरान पंजाब नेशनल बैंक झींझक के बाहर नोट बदलने के लिए लाइन में लगी थी. 2016 में लाइन में लगे रहने के दौरान उसे प्रसव पीड़ा हुई थी. लाइन में मौजूद अन्य महिलाओं ने सर्वेशा का प्रसव कराया था. इसकी जानकारी जब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को हुई तो उन्होंने सर्वेशा को बच्चे सहित लखनऊ बुलाया था. सर्वेशा की सहमति से उसका नाम खजांची रखा गया.
अखिलेश यादव ने खजांची की परवरिश के लिये उसको 1 लाख रुपये दिया और दूसरे जन्म दिन पर गिफ्ट के रूप में घर भी दिया. साथ ही उसके गांव को गोद भी ले लिया था. सपा प्रमुख ने ट्वीट किया कि नोटबंदी की लाइन में जन्म लेने पर मजबूर ‘खजांची’ अब बड़ा हो गया है, उसकी गरीबी उसके विकास में बाधा ना बने, इसीलिए हमने उसकी पढ़ाई पूरी कराने की जिम्मेदारी ली है. शिक्षा की शक्ति से व्यक्तित्व की दूसरी शक्तियां जन्म लेती हैं. शैक्षिक सशक्तीकरण से बड़ा कोई अन्य सशक्तीकरण नहीं होता.
सपा मुखिया मुलायम सिंह के निधन पर खजांची की मां सर्वेशा उसे लेकर सैफई गई थी. तब अखिलेश यादव ने उनसे पूछा था कि क्या कर रहे हो पढ़ने जाते हो तो खजांची की माँ ने बोला था कि अभी दाखिला नही करवाया है. तब अखिलेश ने कहा था कि पढ़ाओ और जो खर्च आएगा उसे हम देगें. सर्वेशा ने खजांची का झींझक कस्बे में बने रामा इंटरनेशनल स्कूल में प्लेग्रुप में एडमिशन करवाया है, साथ ही 7200 सौ रुपये फीस जमा की. सोमवार को खजांची बस से स्कूल पहुंचा. कक्षा में शिक्षिका अदिति ने उसे ककहरा पढ़ाया. खजांची को पहले दिन स्कूल जाता और फिर पढ़कर लौटकर आता देख सर्वेशा की खुशी देखने लायक थी. वह हर पर अखिलेश यादव को दुआएं दे रही थी.
नोटबंदी की लाइन में जन्म लेने पर मजबूर ‘खजांची’ अब बड़ा हो गया है, उसकी ग़रीबी उसके विकास में बाधा न बने, इसीलिए हमने उसकी पढ़ाई पूरी कराने की ज़िम्मेदारी ली है।
शिक्षा की शक्ति से व्यक्तित्व की दूसरी शक्तियाँ जन्म लेती हैं। शैक्षिक सशक्तीकरण से बड़ा कोई अन्य सशक्तीकरण नहीं होता। pic.twitter.com/1t2OaBg1Fb— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 1, 2022