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गढ़वा में अरबी के शिक्षक पढ़ा रहे उर्दू, सालों से उठा रहे हैं वेतन

गढ़वा जिले में पद सृजित हुए बिना प्लस टू स्कूलों में वर्षों से अरबी शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं. वे नियम विरूद्ध जा कर बीते सात सालों से उन शिक्षकों को वेतन का भुगतान भी किया जा रहा है़ मजेदार बात यह है कि शिक्षकों को वेतन का भुगतान उर्दू शिक्षकों के मद में दी जाने वाली राशि से की जा रही है

गढ़वा जिले में पद सृजित हुए बिना प्लस टू स्कूलों में वर्षों से अरबी शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं. इतना ही नहीं नियम विरूद्ध जा कर बीते सात सालों से उन शिक्षकों को वेतन का भुगतान भी किया जा रहा है़ मजेदार बात यह है कि शिक्षकों को वेतन का भुगतान उर्दू शिक्षकों के मद में दी जाने वाली राशि से की जा रही है़ बताते चलें कि जिले में अरबी के पांच शिक्षक सेवा में है.

क्या कहती है नियमावली

उल्लेखनीय है कि प्लस टू विद्यालयों में भाषा व विषयवार शिक्षकों की बहाली की जाती है़ गढ़वा जिले में अरबी शिक्षक का सिर्फ एक ही सृजित पद है. यह उत्क्रमित प्लस टू उवि रमकंडा में है़ लेकिन इसमें हास्यास्पद स्थित यह है कि गढ़वा जिले में अरबी के जो पांच शिक्षक सेवा दे रहे हैं, उन्हें सृजित विद्यालय रमकंडा में पदस्थापित ही नहीं किया गया है़ इसके बदले वे दूसरे विद्यालय जहां अरबी का एक भी विद्यार्थी नहीं हैं, वहां से वे बिना पढ़ाये वेतन उठा रहे है़ं इन शिक्षकों को सृजित पद के विरूद्ध होने की वजह से उर्दू शिक्षकों के वेतन मद की राशि से भुगतान किया जा रहा है़ जबकि रमकंडा पल्स टू विद्यालय में उर्दू के शिक्षक ही अरबी भी पढ़ा रहे हैं.

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क्या है पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक साल 2015 में गढ़वा जिले के प्लस टू विद्यालयों में राज्य सरकार की ओर से की गयी नियुक्ति के बाद अन्य शिक्षकों के साथ अरबी के भी पांच शिक्षक भेजे गये थे़ गढ़वा जिले में अरबी के लिए सिर्फ एक पद ही था, ऐसे में शेष चार शिक्षकों को यहां योगदान दिलाने की बजाय उनकी सेवा विभाग को वापस कर देनी थी़ दूसरे जिले जहां अरबी शिक्षकों का पद सृजित है और रिक्त पड़ा हुआ है, वहां इन शिक्षकों से सेवा ली जा सकती थी़ लेकिन पूरी तरह से नियमविरूद्ध तरीके से उन्हें गढ़वा जिले के विद्यालयों में योगदान करा दिया गया़ जबकि एक शिक्षक जिसे सृजित पद के विरूद्ध रमकंडा प्लस टू विद्यालय में भेजना चाहिये था, उसे भी वहां योगदान नहीं कराया गया. वहां शिक्षक होने के बावजूद पद रिक्त पड़ा हुआ है और बच्चे बिना अरबी पढ़े घर जा रहे है़ं जानकार इस मामले में शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों एवं कर्मियों की भूमिका को संदिग्ध मान रहे हैं.

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जिले के इन विद्यालयों में पदस्थापित हैं अरबी के शिक्षक

  • राजकीयकृत उवि गरदाहा मझिआंव

  • प्लस टू विद्यालय चिनियां

  • प्लस टू विद्यालय भंडरिया

  • प्लस टू विद्यालय नगरउंटारी

  • प्लस टू विद्यालय धुरकी

रिपोर्ट : पीयूष तिवारी

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