जब भी हम ‘हैलोवीन’ का नाम सुनते हैं तो हमारे दिल में केवल कॉस्ट्यूम पार्टियों का ख्याल आता है. लोग पार्टियों में एक से बढ़कर एक डरावने लुक को कैरी करते है. बॉलीवुड इंडस्ट्री में भी कई हैलोवीन पार्टी हुई. जिसमें कई सेलेब्स ने हिस्सा लिया. आर्यन खान, अनन्या पांडे, विक्की कौशल, कैटरीना कैफ शामिल हुए. ऐसे में क्या आपको पता है कि हैलोवीन क्यों मनाया जाता है. इसके पीछे का मजेदार किस्सा क्या है…
ट्रिक-या-ट्रीटिंग और हैलोवीन साथ-साथ चलते हैं. यह परंपरा ‘आत्मा’ नामक एक प्रथा से विकसित हुई, जहां गरीब बच्चे घर-घर जाकर पैसे और भोजन की भीख मांगते थे और बदले में वे मृतक की आत्मा के लिए प्रार्थना करते थे. यह पहली बार 1840 के दशक में संयुक्त राज्य अमेरिका में आया था. सेल्टिक दिनों से बिल्लियां हमेशा हैलोवीन परंपरा का हिस्सा रही हैं. एक समय में आत्माओं को भगाने के लिए ड्रेसिंग की जाती थी, ऐसा माना जाता था कि समाहिन के दिन, मृतकों की आत्माएं पृथ्वी पर अपने घरों में लौट आती हैं. हैलोवीन का रंग काला और ऑरेंज है.
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कुछ देशों में, लोग पूर्वजों की कब्र पर और चर्च में मोमबत्तियां जलाते हैं. कुछ ईसाई धर्म के लोग इस दिन मांसाहारी भोजन करने से भी परहेज करते हैं. कई विद्वानों का मानना है कि इसकी जड़ें ईसाई हैं, लेकिन अब इसे व्यापक रूप से मनाया जाता है. इनका मानना था कि इस दौरान जीवित और मृत लोगों के बीच की दीवार छोटी हो जाती है और वे जीवन में वापस आ जाते हैं. इस दिन अपवित्र आत्माओं को खुश करने के लिए, लोगों अलाव जलाते हैं और डरावना मास्क पहनते हैं और वैसा ही मेकअप करते हैं. वहीं माना यह भी जाता है कि इसकी शुरुआत आयरलैंड और प्राचीन ब्रिटेन में हुई थी. उनके समकालीन कैलेंडर के अनुसार, वर्ष हैलोवीन के साथ समाप्त होता है और नए साल की शुरुआत होती है.