Delhi Pollution: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की स्थिति और ज्यादा गंभीर होती जा रही है. दिल्ली के कई इलाकों में मंगलवार यानि 1 नवंबर को वायु गुणवत्ता सूचकांक एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 400 के पार है, वहीं दिल्ली के नरेला में स्थिति सबसे ज्यादा खतरनाक बताई जा रही है. बता दें कि यहां का AQI 571 दर्ज किया गया है. बता दें कि दिल्ली के कई इलाकों में AQI 500 से ऊपर है यानि कि स्थिति खतरनाक बनी हुई है. वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) वर्तमान में ‘गंभीर’ श्रेणी में नोएडा (यूपी) में 444, ‘गंभीर’ श्रेणी में धीरपुर (दिल्ली) में 594 और गुरुग्राम (हरियाणा) में ‘बहुत खराब’ श्रेणी में 391 है. दिल्ली का समग्र एक्यूआई आज सुबह 385 (बहुत खराब श्रेणी) पर है.
Air quality continues to dip in Delhi-NCR.
— ANI (@ANI) November 1, 2022
Air Quality Index (AQI) presently at 444 in Noida (UP) in 'Severe' category, 594 in Dhirpur (Delhi) in 'Severe' category & 391 in Gurugram (Haryana) in 'Very Poor' category.
Delhi's overall AQI this morning at 385 (Very Poor category). pic.twitter.com/Ywr8A84eNI
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार यानी 1 नवंबर की सुबह करीब 8.30 बजे राजधानी के अधिकतर इलाकों का वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के उपर दर्ज किया गया, जो गंभीर श्रेणी में आता है. बता दें कि शून्य से 50 के बीच AQI को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ माना जाता है. जबकि इसके ऊपर खतरनाक स्थिति होती है, जिसमें सांस लेना मुश्किल है.
Delhi's air quality continues to remain in the 'very poor' category, with AQI recorded at 385 this morning. pic.twitter.com/toBHYaAESf
— ANI (@ANI) November 1, 2022
बता दें कि बीते सोमवार को दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को ध्यान में रखते हुए ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का तीसरा चरण लागू किया गया है. हालांकि, इसका कोई प्रभाव फिलहाल नजर नहीं आ रहा है और ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि आगामी 4 से 5 दिनों दिनों तक प्रदूषण में वृद्धि होगी. मीडिया सूत्रों की मानें तो पूर्वानुमान के मुताबिक, दिल्ली में अगले दो दिन में औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स बहुत खराब और कुछ जगहों पर गंभीर श्रेणी में रह सकती है.
Also Read: Morbi Bridge Collapse: बंद किया गया द्वारका का सुदामा केबल ब्रिज, अन्य पर नए सुरक्षा नियम लागूSAFAR के अनुसार यह बताया जा रहा है कि हवाएं उत्तर पश्चिमी हो गई हैं जिसकी वजह से पराली का धुआं राजधानी दिल्ली पहुंच रहा है और दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बदत्तर होता जा रहा है. बता दें कि पराली विशेष तौर पर पंजाब और हरियाणा में जलायी जाती है. दिल्ली में प्रदूषण का पराली फैक्टर पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पंजाब की तुलना में हरियाणा में 10 फीसदी भी पराली जलाने की घटनाएं नहीं हैं, हमारे यहां पराली जलाने की घटनाएं बहुत कम हो गयी हैं. पिछले वर्ष पराली जलाने की 2,561 घटनाएं थी वो इस वर्ष 1,925 हो गई है जबकि इस वर्ष पंजाब में 13,873 घटनाएं हुई है.