Prevention of Dengue: भारत में हर साल डेंगू के मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है. इनमें से कुछ की तो मृत्यु तक हो जाती है. डेंगू के बुखार को हड्डी तोड़ बुखार के भी कहा जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है. डेंगू मच्छर के द्वारा संचारित होने वाला बुखार कभी-कभी बेहद घातक भी होते है. इसके तीव्र लक्षण कभी-कभी कुछ समय बाद देखे या महसूस किए जाते हैं. हलांकि यदी इसकी पहचान समय पर कर ली जाती है, तब इसके बचाव या उपचार करने में मदद मिलती है. अब सवाल ये है कि आखिर डेंगू से बचने के उपाय क्या है. तो आइए एक्सपर्ट की राय के अनुसार जानते हैं कि डेंगू हो तो क्या करें और न करें…
1. प्रायः डेंगू का मच्छर दिन के उजाले में काटता है. इसलिए दिन में मच्छरों के काटने से खुद को बचाना जरूरी है.
2. बारिश के दिनों में फुल ड्रेस पहने. जिसमें आपके हाथ-पैर ढकें हो. साथ ही पावों में जूते जरूर पहनें. शरीर को कहीं से भी खुला नहीं छोड़ना है.
3. घर के आसपास या घर के अंदर पानी जमा जमने ने दें, इसका खास ख्याल रखें. कूलर, गमले, टायर इत्यादि में जमे पानी को तुरंत बहा दें और सफाई करें
4. कूलर में यदि पानी है तो इसमें किरासन तेल डालें जिससे कि मच्छर न पनप पाये.
5. रोजाना मच्छरदानी का उपयोग करें.
6. पानी की टंकियों को सही तरीके से ढंकें.
7. यदि आपमें डेंगू के लक्षण नजर आ रहे तो भी आपको ये परहेज करना होगा. जिससे आपके शरीर का वायरस दूसरों तक न पहुं सके.
8. हल्के लक्ष्ण नजर आते ही नजदीकी डॉक्टर की सलाह लें, खून में प्लेटलेट्स की जांच जरूर कराएं.
9. रोगी को लगातार पानी पीलाते रहें, इससे पानी की कमी नहीं होगी. नसों के जरिए भी रोगी को तरल दिया जाता है.
10. डेंगू होने पर पपीते के पत्तों का जूस, खट्टा फल, नारियल पानी और हल्दी कै सेवन करना चाहिए
डेंगू होने पर ज्यादा से ज्यादा पानी और तरल पदार्थ खानें में लें. सादा खाना खाएं. चिकित्सक की सलाह के बिना दवा न लें. तेज बुखार, उल्टी, नाक-हुंह से खून निकलने या काले रंग का मल होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. वैसे मरीजों से ज्यादा सावधानी रखने की जरूरत हैं जिनकों पहले भी डेंगू हो चुका है. डेंगू में पपीते का पत्ता और बकरी का दूध नहीं सेवन करना चाहिए.
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.