सिमडेगा शंख नदी के छठ घाट पर व्रती एवं श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा. शहरी क्षेत्र से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित संख नदी में प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में छठव्रती और श्रद्धालु पहुंचते हैं. इस साल भी छोटे-बड़े सैकड़ों वाहन में सवार होकर छठव्रती एवं श्रद्धालु शंख नदी के तट पर पहुंचे. पूरे शंख नदी में श्रद्धालु और छठ व्रती के अलावा कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था.
पानी ज्यादा होने से घाट हुआ कम
हालांकि इस बार नदी में पानी थोड़ा ज्यादा होने के कारण जगह की थोड़ी कमी थी. नदी के बीच में भी जहां पर श्रद्धालु को जगह मिला वे लोग वहां पर सुप व दौरा को रखकर भगवान भास्कर की आराधना की. सिमडेगा शंख नदी छठ घाट पर प्रशासनिक स्तर पर भी विधि व्यवस्था को बनाए रखने में अहम योगदान दिया गया. सुरक्षा के दृष्टिकोण से एसपी सौरभ कुमार के आदेश पर सुरक्षाबलों को तैनात किया गया था. वहीं डीडीसी अरुण वाल्टर संगा, अनुमंडल पदाधिकारी महेंद्र कुमार, जिला आपूर्ति पदाधिकारी पूनम कच्छप, जिला निर्वाचन पदाधिकारी प्रिंस गॉडविन, बीडीओ अजय कुमार रजक, इंस्पेक्टर दयानंद कुमार के अलावे अन्य जिला स्तरीय पदाधिकारी और पुलिस पदाधिकारी संख नदी के छठ घाट पर मौजूद रह . अधिकारियों के द्वारा उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य समर्पित किया गया.
घाट में थी आकर्षक साज-सज्जा
छठ घाट में एसपी सौरभ कुमार के प्रयास से रोशनी की व्यवस्था की गई थी. छठ पूजा समिति के द्वारा भी साज-सज्जा की गई थी. शंख नदी का नजारा बिहार के गंगा तट के नजारा से कम नहीं दिखलाई पड़ता है. छठ महापर्व का चार दिवसीय महापर्व आज पारण के साथ समापन हो गया. छठ के अवसर पर विशेष करके शहरी क्षेत्र के छठ तालाब के अलावे केलाघाघ में भी छठ व्रतियों एवं श्रद्धालुओं ने भगवान सूर्य को अर्घ समर्पित कर अपने परिवार समाज और देश के कल्याण के लिए कामना की. शंख नदी के तट पर छठ पूजा के आयोजन में शंख नदी छठ पूजा सेवा संस्थान के सदस्यों ने सराहनीय योगदान दिया. शंख नदी के तट पर कई समाजसेवियों के द्वारा चाय और दूध की नि:शुल्क मुहैया कराया गया था.
रिपोर्ट : रविकांत साहू