Bareilly News: सपा संस्थापक पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का 10 अक्टूबर को गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था. इससे सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ ही पार्टी को बड़ा झटका लगा है. मगर, इसके बाद सपा को लगातार झटके पर झटका मिल रहा है. इस बीच चुनाव आयोग ने सपा प्रमुख को नोटिस भेजा है. अखिलेश यादव ने रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उप चुनाव में सपा की हार के बाद चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए थे.
उनका आरोप था कि चुनाव आयोग ने हर विधानसभा क्षेत्र में 20-20 हजार मुस्लिम और यादव मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए. इसके बाद चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर अखिलेश से 10 नवंबर तक सबूत मांगे हैं. हालांकि, सपा प्रमुख ने 3 दिन पहले एक कार्यक्रम में चुनाव आयोग के नोटिस के जवाब में निष्पक्ष चुनाव पर सवाल उठाते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग ने यदि स्वयं विधानसभा चुनाव 2022 में मतदाता सूची संबंधी नियमों का पालन किया होता, तो हजारों मतदाता मतदान से वंचित नहीं रह जाते.
यह मामला चल ही रहा था. इस दौरान सपा नेता मुहम्मद आजम खां को 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान हेट स्पीच के मामले में रामपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने तीन वर्ष की सजा सुना दी.कोर्ट के फैसले के कुछ समय बाद ही विधानसभा अध्यक्ष ने सपा नेता आजम खां की विधानसभा की सदस्यता कैंसिल कर दी. सपा नेता मुहम्मद आजम खां और उनके परिवार पर वर्ष 2019 में पुलिस ने 148 मुकदमें दर्ज किए हैं.
सपा की सरकार के दौरान यानी 2017 तक 45 वर्ष की सियासत के बाद सिर्फ 21 मुकदमें थे. इसमें 09 मुकदमें सपा सरकार में वापस ले लिए गए थे. 06 मुकदमों में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी, जबकि 06 में चार्जशीट दाखिल कर दी थीं, लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान मुहम्मद आजम खां पर 70, उनकी पत्नी डॉक्टर तंजीम फातिमा के खिलाफ 34, और उनके विधायक पुत्र अब्दुल्ला आजम के खिलाफ 44 एफआइआर दर्ज हुई. उनकी विधानसभा सदस्यता कैंसिल होने के बाद वह किसी सदन के सदस्य नहीं हैं.
इससे पहले उनके पुत्र की सदस्यता कैंसिल हो चुकी है. सपाइयों का मानना है कि मुलायम के निधन के बाद भाजपा सपा के बड़े नेताओं पर कार्रवाई कर कार्यकताओं को खौफजदा करने की कोशिश में है. इसलिए ही यह सब किया जा रहा है.
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मुस्लिम नेता के रूप के पहचान रखने वाले इमरान मसूद ने सपा का दामन थामा था. मगर, मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद वह भी सपा छोड़कर बसपा में शामिल हो गए. इमरान मसूद सपा पर लगातार हमलावर हैं. बसपा प्रमुख मायावती ने चार मंडलों का संयोजक बना दिया है. हालांकि, उनका आरोप है कि सपा ने उन्हें टिकट न देने के साथ ही सम्मान भी नहीं दिया.
सपा को रविवार को एक और बड़ा झटका लगा है. लखीमपुर खीरी की गोला गोकर्णनाथ विधानसभा पर उपचुनाव का मतदान 3 नवंबर को है. मगर, इससे पहले ही सपा प्रत्याशी पूर्व विधायक विनय तिवारी को मिनी गुंडा एक्ट का नोटिस दिया गया है. सपा इस सीट को मजबूत मान रही है. हालांकि, भाजपा ने अपने स्वर्गीय विधायक अरविंद गिरी के पुत्र अमन गिरी को प्रत्याशी बनाया है.
अरविंद गिरी के निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी. मगर, अब यहां मुकाबला कांटे का माना जा रहा है. सपा का आरोप कि भाजपा उप चुनाव हार रही है. इसीलिए दबाव बनाने के लिए प्रत्याशी को सीआरपीसी की धारा 110 के तहत मिनी गुंडा एक्ट का नोटिस दिया गया है.इसके साथ ही सपा ने यादव पुलिसकर्मियों को गोला से छुट्टी पर भेजने का भी आरोप लगाया है.
रिपोर्ट: मुहम्मद साजिद, बरेली