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Sardar Patel Jayanti 2022: सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती आज, ऐसे मिली थी लौह पुरुष को सरदार की उपाधि

Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti 2022: सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 में गुजरात में हुआ था. वह भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और पहले गृह मंत्री थे. उनकी जयंती के उपलक्ष में आइए आपको पटेल के जीवन से जुडे कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताएं

Sardar Vallabhbhai Patel jayanti 2022 : हर साल 31 अक्टूबर को देशभर में सरदार वल्लभभाई पटेल की  जयंती मनाई जाती है. इस साल लौह पुरुष  सरदार पटेल की 147वीं जयंती मनाई जा रही है. सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 में गुजरात में हुआ था. वह भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और पहले गृह मंत्री थे.  उनकी  जयंती के  उपलक्ष में आइए आपको पटेल के जीवन से जुडे कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताएं

सरदार वल्लभभाई पटेल के बारे में रोचक तथ्य

  • सरदार पटेल का विवाह 1891 में झवेरबा पटेल से हुआ था तक उनकी उम्र महज 16 साल की थी. विवाह के बाद 22 साल की उम्र में उन्होंने मैट्रिक पास की थी. पटेल का बचपन से सपना था कि वह एक बैरिस्टर बने और इंग्लैंड से पढ़ाई करें.

  • इंग्लैंड जाकर पढ़ाई करने से पहले उन्होंने गुजरात से वकालत की पढ़ाई की और बार की परीक्षा पास कर गुडरात के गोधरा, बोरसाड और आणंद में वकालत की प्रैक्टिस की.

  • लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के पहले उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री थे
    1946 में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के चुनाव के समय 15 में 12 क्षेत्रीय कांग्रेस ने पटेल को समर्थन दिया. गांधी जी का समर्थन नेहरू के लिए था.

  • गांधी जी की इच्छा के लिए पटेल ने पद छोड़ा और नेहरू को पद प्राप्त हुआ. प्रधानमंत्री के पद के लिए नेहरू गांधी जी की पहली पसंद थे और पटेल लोगों की पसंद. क्योंकी यहां गांधी जी चाहते थे कि नेहरू देश के प्रधानमंत्री बने इसलिए उन्हें प्रधानमंत्री का पद दिया गया.

  • स्वतंत्रता आंदोलन में सरदार पटेल का पहला और बड़ा योगदान 1918 में खेड़ा संघर्ष में था. उन्होंने 1928 में हुए बारदोली सत्याग्रह में किसान आंदोलन का सफल नेतृत्त्व भी किया.

  • बारडोली सत्याग्रह आंदोलन के सफल होने के बाद वहां की महिलाओं ने वल्लभभाई पटेल को ‘सरदार’ की उपाधि प्रदान की थी.

  • गुजरात में नर्मदा के सरदार सरोवर बांध के सामने सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर (597 फीट) ऊंची लौह प्रतिमा (स्टैचू ऑफ यूनिटी) का निर्माण किया गया. यह विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा है. इसे 31 अक्टूबर 2018 को देश को समर्पित किया गया. स्टेचू ऑफ लिबर्टी की ऊंचाई केवल 93 मीटर है.

  •  यह सरदार पटेल का ही विजन था कि भारतीय प्रशासनिक सेवाएं देश को एक रखने में अहम भूमिका निभाएगी. उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवाओं को मजबूत बनाने पर कापी जोर दिया. उन्होंने सिविल सेवाओं को स्टील फ्रेम कहा था.  

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