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BSP में अनुशासनहीनता पर गिरी गाज, एत्मादपुर विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी प्रबल प्रताप हुए पार्टी से बाहर

2022 के विधानसभा चुनाव से पहले प्रबल प्रताप उर्फ राकेश बघेल ने भारतीय जनता पार्टी से टिकट लेने के लिए मजबूत दावेदारी की थी. लेकिन उन्हें दावेदारी में सफलता नहीं मिली और पार्टी ने एत्मादपुर विधानसभा से उन्हें टिकट नहीं दी. जिसके चलते राकेश बघेल ने भाजपा का दामन छोड़ बसपा का दामन थाम लिया.

Agra News: बहुजन समाज पार्टी के एत्मादपुर विधानसभा से पूर्व प्रत्याशी प्रबल प्रताप उर्फ राकेश बघेल को पार्टी ने अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण निष्कासित कर दिया और पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया. प्रबल प्रताप ने 2022 में बसपा के टिकट पर एत्मादपुर विधानसभा से विधायक का चुनाव लड़ा था और दूसरे नंबर पर रहे थे.

2022 के विधानसभा चुनाव से पहले प्रबल प्रताप उर्फ राकेश बघेल ने भारतीय जनता पार्टी से टिकट लेने के लिए मजबूत दावेदारी की थी. लेकिन उन्हें दावेदारी में सफलता नहीं मिली और पार्टी ने एत्मादपुर विधानसभा से उन्हें टिकट नहीं दी. जिसके चलते राकेश बघेल ने भाजपा का दामन छोड़ बसपा का दामन थाम लिया. जिसके बाद बसपा ने राकेश बघेल को एत्मादपुर विधानसभा से अपना प्रत्याशी घोषित किया.

एत्मादपुर विधानसभा में बसपा से प्रत्याशी घोषित होने के बाद प्रबल प्रताप ने दमदारी से विधानसभा चुनाव लड़ा और उनके पक्ष में जमकर वोट भी पड़े. लेकिन एत्मादपुर विधानसभा से भाजपा के प्रत्याशी डॉ धर्मपाल सिंह को वह चित नहीं कर पाए और चुनाव परिणाम में वह दूसरे नंबर की जगह हासिल कर सके. एतमादपुर विधानसभा से बीजेपी के प्रत्याशी ने जीत हासिल की लेकिन इसके बावजूद राकेश बघेल बहुजन समाज पार्टी से जुड़े रहे.

आगरा में बसपा के जिला अध्यक्ष जितेंद्र कुमार जीतू ने अपने लेटर पैड पर यह आदेश जारी किया और बताया कि राकेश बघेल पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए गए हैं. और पार्टी के खिलाफ उनके द्वारा लगातार अनुशासनहीनता बरती जा रही है जिसकी वजह से उन्हें कई बार समझाया भी गया था. लेकिन उनके रवैया में कोई भी सुधार नहीं आया जिसके बाद उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है.

वहीं अगर सूत्रों की बात करें तो राकेश बघेल द्वारा समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उनकी शोक सभा का आयोजन किया गया था. और उसके लिए कई जगह बैनर भी लगाए गए थे जिसमें निवेदक के तौर पर राकेश बघेल का नाम था. राकेश बघेल को पार्टी से निष्कासित किए जाने का यह भी एक पुख्ता कारण मालूम जान पड़ता है. जिलाअध्यक्ष जितेंद्र कुमार जीतू के राकेश बघेल को पार्टी से निष्कासित करने के बाद राकेश बघेल का कहना है कि मैं 3 दिन पहले ही पार्टी को छोड़ चुका हूं. और मैं बहन कुमारी मायावती का धन्यवाद करना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे चुनाव में अपना प्रत्याशी घोषित किया और चुनाव लड़ाया.

रिपोर्ट : राघवेंद्र गहलोत

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