31.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

छठ पर्व की बिहार से लेकर ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, जापान सहित कई देशों में रही धूम, देखें तस्वीर

काचहि बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए... छठ का यह प्रसिद्ध गीत जो कभी बिहार के अंदर गूंजा करता था, आज पूरी धरती को गूंजायमान कर रहा है. सूर्य अराधना का लोक महापर्व छठ अब लोकल से ग्लोबल हो चुका है. आज दुनिया का शायद ही कोई हिस्सा हो जहां बिहारी रहते हों और छठ पर्व नहीं मनाते हों.

काचहि बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए… छठ का यह प्रसिद्ध गीत जो कभी बिहार के अंदर गूंजा करता था, आज पूरी धरती को गूंजायमान कर रहा है. सूर्य अराधना का लोक महापर्व छठ अब लोकल से ग्लोबल हो चुका है. आज दुनिया का शायद ही कोई हिस्सा हो जहां बिहारी रहते हों और छठ पर्व नहीं मनाते हों. अपनी विशिष्ठ प्रकृति और कड़े नियमों के कारण इस त्योहार ने दूसरी विरादरी के लोगों को भी अपनी ओर आकर्षित किया है. यहां तक कि हिंदू धर्म के पारंपरिक द्वेषी भी छठ के प्रति आदर का भाव रखते हैं. इसमें शामिल भी होते हैं. इस पर्वके दौरान इंसान- इंसान में कोई फर्क नहीं रह जाता.

Undefined
छठ पर्व की बिहार से लेकर ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, जापान सहित कई देशों में रही धूम, देखें तस्वीर 5

छठ पर्व के लोकल से ग्लोबल होने के कई कारण हैं. इस व्रत के ग्लोबलाइजेशन का सबसे बड़ा कारण है बिहार के लोगों के अंदर परदेस के प्रति आकर्षण. जबकि ज्यादातर मानव होम सीकनेस अर्थात गृहताप से ग्रसित होते हैं. अपनी जन्मभूमि के बाहर नहीं निकलना चाहते. बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों में ऐसी कोई ग्रंथि नहीं है. वे कहीं भी जाने को तैयार रहते हैं. यही कारण है कि उन्हें जहां कहीं भी रोजगार का अवसर दिखा, निकलते चले गए. कुछ स्थाई तो कुछ अस्थाई रूप से. लेकिन वे जहां भी गए अपनी संस्कृति और रीति रिवाजों को साथ लेते गए.

Undefined
छठ पर्व की बिहार से लेकर ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, जापान सहित कई देशों में रही धूम, देखें तस्वीर 6

छठ पूजा को सूर्य पूजा का सबसे बड़ा व्रत मानते हैं. जो लोग पुर्वांचल से अन्य देशों में गए उन्होंने छिटपुट तरीके इसकी शुरुआत हुई लेकिन धीरे-धीरे यह व्यापक रूप लेता गया. आज यह कनाडा, अमेरिका,रूस, ब्रिटेन और इटली समेत 20 से ज्यादा देशों में मनाया जाता है. 2020 में लंदन में टेम्स नदी के किनारे छठ के मौके पर फिल्मी सितारों का जमघट लगा था. वहां शूटिंग भी हुई थी. इस तरह गंगा से निकलकर छठ टेम्स तक पहुंच चुका है.

Undefined
छठ पर्व की बिहार से लेकर ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, जापान सहित कई देशों में रही धूम, देखें तस्वीर 7

प्रवासी भारतीय अपने पर्व त्योहारों के जरिए संगठित होते गए और उनका एक समाज बनता गया. आज उनकी कई पीढियां गुजर चुकी हैं. लेकिन वे तमाम भारतीय पर्व त्योहार धूमधाम से मनाते हैं. आज भी वे छठ के मौके पर कांचहि बांस की बहंगिया, बहंगी लचकत जाए जैसे गीत गाते हैं. यह गीत कई सदियों की वाचिक परंपरा का हिस्सा रहा है.

Undefined
छठ पर्व की बिहार से लेकर ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, जापान सहित कई देशों में रही धूम, देखें तस्वीर 8

लोगों का मानना है कि इसका सकारात्मक, नकारात्मक प्रभाव तत्काल पड़ता है. मनोकामनाएं तुरंत पूरी होती हैं. इस कारण भी यह गैर बिहारियों को आकर्षित करता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें