Chhath Puja 2022: लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा बिहार-झारखंड और उत्तरप्रदेश में बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है. यह पर्व पूरे 4 दिनों तक चलने वाला महापर्व है. इन 4 अलग-अलग दिन में अलग-अलग प्रसाद बनाया जाता है. इस पर्व में खास बात प्रसाद बनाते समय हर व्रती को बेहद ही सावधानी से बनाया जाता है, साथ ही कुछ खास बातों का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है. ऐसा न करने पर छठी मैय्या आपसे नाराज हो सकती है. आइए जानते हैं छठ पूजा में प्रसाद बनाते वक्त किन बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
छठ महापर्व का प्रसाद बनाते समय किसी भी वस्तु में प्याज-लहसुन का प्रयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए. प्रसाद का भोजन शुद्ध और शाकाहारी होने के साथ देसी घी में बनाना चाहिए.
पूजा का काम हो या प्रसाद ग्रहण करना हो, उससे पहले अपने हाथ और पैरों को अच्छी तरह से जरूर धो लें. छठ के इन 4 दिनों में शराब-सिगरेट का सेवन करने से बचे.
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छठ का खाना बनाने के लिए साधारण नमक की जगह सिर्फ सेंधा नमक का ही इस्तेमाल करना चाहिए. ध्यान रखें प्रसाद का खाना बनाते समय नमक से बनी किसी चीज को हाथ न लगाएं.
छठ की पूजा हमेशा परिवार के सभी सदस्यों के साथ मिलकर करें. सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद सबको एक साथ बैठकर भोजन ग्रहण करना अच्छा होता है.
छठ पूजा का प्रसाद बनाने से पहले नहा लें. उसके बाद पूजा घर में जाएं. जाहें खीर बनाना हो या ठेकुआ
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ठेकुआ बनाने के लिए चीनी की जगह गुड़ का इस्तेमाल करना चाहिए. गुड़ को शुद्ध माना गया है.
सूर्य को अर्घ्य देने के लिए कभी भी स्टील के कलश का इस्तेमाल न करें, तांबे के लौटे से सूर्य को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है
नहाय खाय से लेकर व्रत और इसके पारण करने तक पलंग या चारपाई पर सोना मना होता है, व्रती को जमीन पर ही साफ कपड़ा बिछाकर सोना चाहिए
घर का कोई भी सदस्य छठ पूजा के पारण तक तामसिक भोजन का सेवन नहीं करें
पूजा में बनने वाले प्रसाद को बनाने के लिए शुद्धता बेहद जरूरी है., इसलिए घर को हमेशा साफ-सुथरा रखें, प्रसाद का कोई भी सामान हाथ धोए बिना न छुए
छठ पूजा की व्रती को चार दिनों तक केवल साफ और नए वस्त्र पहना अनिवार्य है
प्रसाद रखने के लिए बांस की दो तीन बड़ी टोकरी, बांस या पीतल के बने तीन सूप, लोटा, थाली, दूध और जल के लिए ग्लास, नए वस्त्र साड़ी-कुर्ता पजामा, चावल, लाल सिंदूर, धूप और बड़ा दीपक, पानी वाला नारियल, गन्ना जिसमें पत्ता लगा हो, सुथनी और शकरकंदी, हल्दी और अदरक का पौधा हरा हो तो अच्छा, नाशपाती और बड़ा वाला मीठा नींबू, जिसे टाब भी कहते हैं, शहद की डिब्बी, पान और साबुत सुपारी, कैराव, कपूर, कुमकुम, चन्दन, मिठाई.
(Disclaimer : इस लेख में दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. prabhatkhabar.com इनकी पुष्टि नहीं करता है. हमारी सलाह है कि इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क कर लें.)