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झारखंड के अपर महाधिवक्ता पर गेस्टहाउस बुक कराने का आरोप, दिल्ली शराब घोटाले में ईडी ने दर्ज किया बयान

ईडी ने दिल्ली शराब कांड में झारखंड के अपर महाधिवक्ता राजीव सिंह का बयान दर्ज किया है. उन पर शराब व्यापार से जुड़े लोगों के लिए गेस्टहाउस बुक कराने का आरोप है.मामले में ईडी की ओर से जारी समन के आलोक में राजीव सिंह 28 अक्तूबर को दिल्ली स्थित ईडी के कार्यालय में हाजिर हुए, जहां उनका बयान दर्ज किया गया.

शकील अख्तर, रांची

Jharkhand News: ईडी ने दिल्ली शराब कांड में झारखंड के अपर महाधिवक्ता राजीव सिंह का बयान दर्ज किया है. उन पर शराब व्यापार से जुड़े लोगों के लिए गेस्टहाउस बुक कराने का आरोप है. इस मामले में ईडी की ओर से जारी समन के आलोक में राजीव सिंह 28 अक्तूबर को दिल्ली स्थित ईडी के कार्यालय में हाजिर हुए, जहां उनका बयान दर्ज किया गया. श्री सिंह सुप्रीम कोर्ट में झारखंड के अपर महाधिवक्ता हैं.

गेस्ट हाउस में हुई थी मीटिंग

ईडी ने दिल्ली शराब घोटाले की जांच के दौरान पाया था कि उत्तम गलवा स्टील कंपनी का गेस्ट हाउस बुक कराया गया था. इसी गेस्टहाउस में शराब व्यापार से जुड़े राजीव नायर और अन्य लोगों की मीटिंग हुई थी. ईडी इस मामले की जांच कर रहा है कि झारखंड के अपर महाधिवक्ता द्वारा इन लोगों के लिए गेस्टहाउस बुक करने के क्या कारण थे? दिल्ली शराब कांड में सीबीआइ द्वारा राजीव नायर की गिरफ्तारी की जा चुकी है. नायर की गिरफ्तारी से पहले ईडी ने मुंबई में छापामारी की थी. उस दौरान विजय नायर और दुर्गेश पाठक एक ही स्थान पर पाये गये थे. विजय नायर के जरिये ही शराब के मामले में लोगों को अनुचित लाभ पहुंचाया जाता था. जांच में इस बात की जानकारी मिली है कि अर्जुन पांडेय नाम के एक व्यक्ति ने विजय नायर के निर्देश पर समीर महेंद्रू से दो-चार करोड़ रुपये नकद कलेक्ट किये थे.

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शराब व्यापार में एकाधिकार चाहता था समीर

दिल्ली शराब घोटाले की जांच के दौरान ईडी ने पिछले दिनों समीर महेंद्रू को गिरफ्तार किया. ईडी द्वारा की गयी जांच के दौरान जानकारी मिली थी शराब व्यापार से जुड़े लोगों व अन्य की मीटिंग उत्तम गलवा कंपनी के दिल्ली स्थित गेस्टहाउस में हुई थी. जांच में पाया गया कि शराब नीति 2021-22 सरकार को सिर्फ लाइसेंस फीस के मद में 1994 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. ईडी ने दिल्ली शराब घोटाले के मामले समीर महेंद्रू ने को एक बड़े किंगपिन के रूप में चिह्नित किया है. समीर महेंद्रू ने गिरोह बना कर शराब के व्यापार पर अपना एकाधिकार कायम करने के लिए डमी व्यापारियों को खड़ा किया था. समीर ने इसे स्वीकार कर लिया है. महेंद्रू द्वारा की गयी गिरोहबंदी की वजह से थोक और खुदरा व्यापार पर महेंद्रू का अप्रत्यक्ष नियंत्रण है.

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