Pollution In Delhi: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एयर क्वालिटी पूरी तरह से प्रतिकूल है. हर तरफ धुंध की परत छाई हुई है और प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के बीच शहर की वायु गुणवत्ता “गंभीर” श्रेणी के करीब पहुंच चुकी है. दीपावली पर प्रदूषण को कंट्रोल करने केल इए ही इस बार पटाखे बैन किए गए थे, लेकिन कम तापमान और शांत हवा और पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं की वजह से वायु प्रदूषण दिन-प्रति-दिन दिल्ली में बढ़ रही है. अब ऐसे में वहां के लोगों को सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है और आंखों में जलन सामान्य लक्षण दिख रहे है.
बात अगर शनिवार की करें तो दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) सुबह 10 बजे 396 रहा जो कि बहुत खराब है. वहीं यह शुक्रवार को शाम चार बजे 357 था, बृहस्पतिवार को यह 354, बुधवार को 271, मंगलवार को 302 और सोमवार (दिवाली पर) को 312 था. आनंद विहार (454 AQI के साथ) राजधानी का सबसे प्रदूषित स्थान रहा. वजीरपुर (439), नरेला (423), अशोक विहार (428), विवेक विहार (427) और जहांगीरपुरी (438) वे निगरानी स्टेशन रहे, जहां वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई.
शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच एक्यूआई को ‘गंभीर’ माना जाता है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार फेफड़ों को नुकसान पहुंचाने वाले सूक्ष्म कणों पीएम 2.5 की सांद्रता सुबह 10 बजे कई इलाकों में 400 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से ऊपर थी, जो 60 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर की सुरक्षित सीमा से लगभग सात गुना अधिक है.
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भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि रात में धीमी हवाएं चलीं. विभाग ने कहा कि दिन में मध्यम गति (आठ किलोमीटर प्रतिघंटा) से हवाएं चलने का पू्र्वानुमान है. केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत आने वाली एक पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर’ ने आने वाले दिनों में दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी बढ़ने का अनुमान जताया है. भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) ने शुक्रवार को पंजाब में पराली जलाए जाने की 2,067 घटनाओं की जानकारी दी, जो इस मौसम में अब तक सबसे अधिक है. संस्थान ने शुक्रवार को हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने के क्रमश: 124 और 34 मामले दर्ज किए थे.
इनपुट- भाषा