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World Psoriasis Day: फास्टफूड खाने से होता है सोरायसिस? किशोरों और युवाओं में ज्यादा फैलती है ये बीमारी

World Psoriasis Day: विश्व सोरायसिस दिवस हर साल 29 अक्टूबर को मनाया जाता है. हर साल वैश्विक प्सोरिअटिक रोग समुदाय प्सोरिअटिक रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एकजुट होते हैं. इस वर्ष की थीम मानसिक स्वास्थ्य है.

World Psoriasis Day: सोरायसिस यानि त्वचा की वह लाइलाज बीमारी जिसके कारण न केवल मरीज को शारीरिक परेशानी झेलना पड़ता है साथ ही उसे सामाजिक क्षेत्र में भी भेदभाव का सामना करना पड़ता है. सर्दियों में यह समस्या ज्यादा बढ़ जाती है. ऐसे में यदि सावधानी न बरती जाए तो यह समस्या मरीज के पूरे शरीर में फैलने लगती है.

क्या है सोरायसिस

सोरायसिस एक ऑटोइम्यून कंडीशन है जिसमें स्किन मोटी, सूजन, लाल-सी हो जाती है और खुजलाहट भी होती है. इस स्थिति में खानपान और दिनचर्या का खास ख्याल रखा जाता है. सर्दियों के मौसम में त्वचा की सतह पर पर्याप्त नमी न होने के कारण स्किन ड्राई भी हो जाती है. इससे रोगाणु और एलर्जन्स आकर्षिक होते हैं. इससे सोरायसिस की समस्या बढ़ती है.बता दें कि विटामिन डी की कमी सोरायसिस की समस्या से पीड़ित लोगों में आम है. सर्दियों के मौसम में सोरायसिस के पीड़ित लोगों की हालत और गंभीर हो सकती है. जो मरीज इस समस्या से पीड़ित हैं, वे सही और गर्म कपड़ों का चुनाव करें. सर्दियों में ऊनी कपड़े और स्वेटर का चुनाव सोच-समझ करना चाहिए.

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सूती वस्त्र पहनें

हलांकि सोरायसिस से पीड़ित लोगों के लिए ऊन और सिंथेटिक कपड़ों का इस्तेमाल कई बार खुजली की समस्या को बढ़ा देता है. ड्राई होने की वजह से स्किन छिल जाती है, जिससे आपकी प्रॉब्लम और बढ़ सकती है. मोटा जैकेट पहनने के बदले कई परतों वाले सूती कपड़े पहनना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है. इसके अलावा प्रॉब्लम बढ़ने पर त्वचा रोग विशेषज्ञ से जरूर सलाह लेंना चाहिए.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

त्वचा रोग का कहना है कि यदि मरीजों की बात करें तो प्रतिदिन यदि 30 मरीजों की ओपीड़ी की जाती है तो उसमें से 8 मरीज सोरायसिस के होते हैं. यह समस्या 10 प्रतिशत अनुवांशिक होते हैं. स्टडी में देखा गया है कि होम्यापैथी और आयुर्वेद का ज्यादा उपचार इस बीमारी को और अधिक बढ़ा सकता है. इस समस्या को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता.

युवाओं में तेजी से फैल रही ये बीमारी, डॉक्टर की मानें सलाह

सोरायसिस की समस्या सबसे अधिक किशोरों और युवाओं को प्रभावित करता है. शोध में देखा गया है कि 15-35 वर्ष की आयु वाले को इसकी समस्या देखने को मिलती है. इसका सबसे बड़ा कारण खानपान और दिनचर्या में आया बड़ा बदलाव है. अत्यधिक मात्रा में फास्टफूड का सेवन करने से किशोर और युवक में ये समस्या और अधिक बढ़ जाती है. ऐसे में डॉक्टर का कहना है कि अगर आप ऐसी किसी भी बीमारी से बचना चाहते हैं तो, फास्ट फूड का प्रयोग कम करें. त्वचा की नमी को बनाए रखें खुजली और पपड़ी पड़ने के लक्षणों को कम करने के लिए नमी से भरपूर साबुन या क्लींजर का इस्तेमाल करें. गर्म पानी से ज्यादा देर तक न नहाएं सर्दियों में देर तक गर्म पानी से नहाने से स्किन ड्राई होती है. इससे सोरायसिस की समस्या बढ़ जाती है. सर्दियों में पानी का सेवन भरपूर मात्रा में करें, इससे बॉडी को हाइड्रेट रखने में मदद मिलती है. साथ ही नियमित व्यायाम, अच्छी नींद और डेली डाइट का ख्याल रखें.

(Disclaimer : इस लेख में दी गई जानकारियां सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. prabhatkhabar.com इनकी पुष्टि नहीं करता है. हमारी सलाह है कि इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क कर लें.)

Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.

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