जमशेदपुर का सिदगोड़ा सूर्य मंदिर परिसर शुक्रवार को रणक्षेत्र बन गया. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास और विधायक सरयू राय गुट के लोग आपस में उलझ गये. यहां कुछ लोगों ने रघुवर दास गुट का केनोपी (टेंट) उखाड़ दिया, इसके बाद रघुवर समर्थकों ने सरयू राय गुट के केनोपी को उखाड़ दिया. इस पर दोनों ओर से कुर्सियां और लाठी-डंडे चलने शुरू हो गये. काफी हंगामा होने लगा. महिलाएं भीड़ में दबने लगीं. सूर्य मंदिर समिति के भूपेंद्र सिंह और गुंजन यादव के साथ भाजमो जिलाध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव की भिड़ंत हो गयी. इस दौरान सुबोध श्रीवास्तव समेत 10 लोग घायल हो गये. मारपीट के दौरान कुछ छायाकारों को भी चोटें आयी हैं.
घटना की जानकारी मिलते ही सिदगोड़ा व आसपास के थाना क्षेत्रों से पुलिस बल को सूर्य मंदिर भेजा गया, घायलों को थाना लाया गया, जहां से इलाज के लिए एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटना की जानकारी मिलने के बाद एसडीओ पीयूष सिन्हा, सिटी एसपी विजय शंकर, डीएसपी कमल किशोर, अनिमेष गुप्ता समेत अन्य कई थानों के प्रभारी घटनास्थल और फिर थाना पहुंचे. भाजपा नेता और कार्यकर्ता थाना गेट के बाहर धरना पर बैठ गये और विधायक सरयू राय के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे.
सूर्य मंदिर परिसर में छठ के अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम को लेकर रघुवर दास गुट की नेतृत्ववाली समिति ने पंडाल बनाया था. उसके पास ही सरयू राय गुट के सुबोध श्रीवास्तव समेत अन्य काफी लोगों ने एक केनोपी लगाकर वहां देर रात तक रुकने और अष्टजाम करने की बात कही थी. रघुवर गुट के लोग उन्हें वहां से केनोपी हटाने को कह रहे थे, जिसको लेकर दोपहर से ही किचकिच हो रही थी.
भाजमो के प्रदेश उपाध्यक्ष राम नारायण शर्मा ने कहा कि रघुवर दास ने सूर्य मंदिर कि मर्यादा को तार-तार कर दिया. उन्होंने चंद्रगुप्त सिंह को आगे कर घटना को अंजाम दिया. भाजमो के मात्र 10 कार्यकर्ता मौजूद थे, जिन पर 500 से अधिक की भीड़ ने हमला किया.
सूर्य मंदिर समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने कहा कि विधायक सरयू राय ने योजनाबद्ध तरीके से विवाद को बढ़ाया. जबरन समर्थकों को भेज समारोह में बाधा पहुंचाने का काम किया. उन्होंने समिति के टेंट में तोड़फोड़ कर हमला कर दिया, जिससे भगदड़ हो गयी.