Chhath Puja 2022: नहाय-खाय के साथ शुक्रवार को छठ महापर्व (Chhath Mahaparv) का आरंभ हो गया. कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय सूर्योपासना का पर्व शुरू हो जाता है. इसी दिन व्रती भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए खुद को तैयार करते हैं. तन और मन को शुद्ध करते हैं. स्नान आदि करने के बाद सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं.
रांची के पंडित रामदेव पांडेय कहते हैं कि शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को शुरू होने वाले इस महापर्व का समापन सप्तमी तिथि को होता है. कई बार लोग छठ पूजा करने में असमर्थ होते हैं. ऐसे लोगों को भी छठ महापर्व का पुण्य मिल सकता है. आईए, हम आपको बताते हैं कि इसके लिए आपको क्या करना होगा. छठ पूजा के दौरान कौन-कौन सी सावधानियां आपको बरतनी चाहिए.
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नहाय-खाय के अगले दिन खरना होता है. उसके बाद शाम के समय डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इसके अगले दिन सुबह-सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ चार दिवसीय महापर्व का समापन हो जाता है. आपको बता दें कि छठ पर्व शुद्धता का प्रतीक है. इसलिए हर काम गंगा के शुद्ध पानी से ही शुरू होना चाहिए.
अगर गंगा तक न जा सकें, तो किसी भी नदी में जाकर स्नान करें. यह भी संभव न हो, तो घर पर पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें. इसके बाद शुद्ध पानी में गेहूं और चावल धोकर सुखायें. गेहूं को पिसवाकर उससे प्रसाद बनायें. इससे पहले, नहाय खाय के दिन प्रसाद के रूप में छठव्रती चावल, चने का दाल, हल्दी और सेंधा नमक से बनी कद्दू की सब्जी और भात के साथ मूली का सेवन करते हैं. परिवार के अन्य सदस्य भी इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं.
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छठ का व्रत करने वालों की मदद करें.
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प्याज, लहसुन, मांस या मदिरा का सेवन बिल्कुल न करें.
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पूजा की किसी वस्तु को जूठे या गंदे हाथों से न छूएं.
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जिस रास्ते से छठ व्रती जायेंगे, सुबह-शाम उस रास्ते की सफाई करें. दोनों वक्त झाड़ू लगायें. पानी से सड़क को धो दें.
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छठ व्रतियों और उनके घर की सुरक्षा करें, ताकि छठ पूजा करने वाला परिवार निर्भर रहे.
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नदी, तालाब के घाटों को छठ महापर्व से पहले साफ कर दें, ताकि अर्घ्य देने में व्रतियों को कोई परेशानी न हो.
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छठ महापर्व के समापन के बाद भी छठ घाटों की सफाई करें.
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छठ घाटों पर छठ व्रतियों की सुविधा के लिए कुछ काम करें. जैसे- लाइट लगवा दें, सुरक्षा की व्यवस्था करें, कपड़ा बदलने के लिए अस्थायी कमरा बनवा दें.
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छठ व्रतियों के बच्चों का ख्याल रखकर भी आप छठ पूजा का पुण्य कमा सकते हैं.
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दूध, लकड़ी, फल, चिनिया केला, नारियल, गन्ना, बड़ा नींबू, सेव, अनार, सुप, डलिया, पीतल का थाली आदि छठ व्रतियों को बांटें.
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घाट पर जाकर दूध से सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर भी आप छठ पूजा का पुण्य कमा सकते हैं.
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किसी व्रती के घर जाकर खरना का प्रसाद खायें. इसके लिए बुलावे का इंतजार न करें.
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छठ व्रतियों की सेवा छठ के पारण के बाद भी करें, क्योंकि पांच दिन के इस महापर्व के दौरान वे थक जाते हैं. इससे आपको छठ पूजा का पुण्य मिलेगा.