Kali Puja 2022: भागलपुर की काली पूजा और उसके बाद काली प्रतिमा विसर्जन शोभायात्रा बेहद खास होती है. ये शोभायात्रा करीब 36 घंटे तक चलती है. बुधवार की शाम को भागलपुर की करीब 85-90 प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए लेकर श्रद्धालु निकले. यहां की रीत कुछ ऐसी है जिसका पालन हर बार जरुर किया जाता है. सबसे आगे यहां परबत्ती की बुढ़िया काली होती हैं. लगभग सभी प्रतिमा शहर में 24 घंटे चक्कर लगाती हैं.
मां काली की विसर्जन यात्रा बुधवार रात शुरू हुई. सभी प्रतिमाओं को पहले भागलपुर स्टेशन चौक पर लाया गया. सबसे पहले बेदी पर से परबत्ती की बुढ़िया काली उठायी गयीं. जिनकी प्रतिमा की आरती स्टेशन चौक पर भी उतारी गयी.
परबत्ती की काली सबसे आगे रहती हैं. तातारपुर चौक, मोजाहिदपुर व अन्य दिशाओं से होते हुए स्टेशन चौक पर रात में प्रतिमाएं जुटीं. परबत्ती की काली प्रतिमा स्टेशन चौक से आगे बढ़ी और इसके बाद बाकी प्रतिमाएं बारी-बारी कतार में लगती हुई निर्धारित मार्ग पर आगे बढ़ती गयी. सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये थे.
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गुरुवार को दिन में करीब 12 बजे परबत्ती काली प्रतिमा लेकर जुलूस आदमपुर चौक तक पहुंच सका. इनके पीछे ही बाकी प्रतिमाएं आ रही है. भागलपुर के इस शोभायात्रा की खास बात ये है कि करीब 36 घंटे तक चलने वाली इस शोभायात्रा में प्रत्येक प्रतिमा को लगभग 24 घंटे तक शहर का भ्रमण करना पड़ता है. पहली प्रतिमा भी करीब 24 घंटे के बाद ही विसर्जित कर पाते हैं.
विसर्जन शोभायात्रा स्टेशन चौक से खलीफाबाग चौक पहुंचेगी. खलीफाबाग चौक से होकर कोतवाली चौक होते हुए जुलूस नयाबाजार चौक पहुंचेगी. यहां से बूढ़ानाथ चौक, माणिक सरकार चौक, आदमपुर चौक, छोटी खंजरपुर, बड़ी खंजरपुर से होते हुए मुसहरी घाट पहुंचने पर प्रतिमाओं का बारी-बारी से विसर्जन किया जायेगा. प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी व पुलिस पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि प्रतिमाओं को क्रमबद्ध कराने के साथ-साथ एक दूसरे के बीच आवश्यक दूरी बनाये रखेंगे.
Posted By: Thakur Shaktilochan