Bhai Dooj Today: रक्षाबंधन की तरह भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक भाई दूज का त्योहार दीपावली के बाद मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है. भाईदूज को यम द्वितीया के नाम से जाना जाता है.
भाईदूज के त्योहार के मौके पर बहनें अपने भाईयों को तिलक लगाते हुए उनकी लंबी उम्र, अच्छी सेहत, सुख-समृद्धि और अच्छे भाग्य की कामना करती हैं. इस बार भाईदूज की अर्ध दिवस तिथि व उदया तिथि को लेकर ज्योतिष विद्वानों कि पंचांग में मतभेद है. जिसके कारण कहीं पर 26 अक्टूबर तो कहीं पर 27 अक्टूबर को भाई दूज का त्योहार मनाया जा रहा है.
ज्योतिष गुरु पंडित विजय पांडेय ने बताया कि इस बार दीपावली के बाद भैया दूज दो दिन मनाया जा रहा है. 26 अक्टूबर को भले ही दोपहर 3 बजकर 35 मिनट पर द्वितीया लग गयी थी, जो कि 27 अक्टूबर को 2 बजकर 12 मिनट तक रहेगी.
पंडित विजय पांडेय ने बताया कि ज्योतिषनुसार जिस तिथि में सूर्योदय हो उसी तिथि के पर्व को महत्ता दी गई है. इस लिये 27 अक्टूबर को ही भैया दूज मनाया जाएगा. भैया दूज का तिलक बहनें सुबह 6 बजे से 7:30 बजे के मध्य शुभ चौघड़िया में व दूसरा मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 1:30 बजे तक लाभ चौघड़िया के अभिजीत मुहूर्त में तिलक करना सर्वोत्तम होगा. तृतीय व अंतिम मुहूर्त 1:30 बजे से लेकर 3 बजे तक है. अमृत चौघड़िया के शुभ मुहूर्त में बहने अपने भाई का तिलक करें तो भाइयो को प्रत्येक कार्य में सफलता कारक होगा.