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वर्चस्व का दुरुपयोग

डिजिटल तकनीक द्वारा विभिन्न सेवाएं देने के कारोबार में जिन कंपनियों का बोलबाला है, वे विभिन्न हथकंडे अपनाकर प्रतिस्पर्धा को कुंद करने का प्रयास करती रहती हैं.

डिजिटल तकनीक द्वारा विभिन्न सेवाएं देने के कारोबार में जिन कंपनियों का बोलबाला है, वे विभिन्न हथकंडे अपनाकर प्रतिस्पर्धा को कुंद करने का प्रयास करती रहती हैं. इससे अन्य कंपनियों को नुकसान तो होता ही है, कारोबारी गतिविधियों में अवरोध भी पैदा होता है. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने ऐसे रवैये के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करते हुए गूगल, मेक माई ट्रिप और ओयो जैसी बड़ी कंपनियों पर भारी जुर्माना लगाया है.

एक सप्ताह के भीतर गूगल पर दो चरणों में 2,274 करोड़ रुपये का अर्थदंड लगाया गया है, वहीं मेक माई ट्रिप और ओयो को क्रमश: 223 और 169 करोड़ रुपये बतौर जुर्माना भरने को कहा गया है. प्रतिस्पर्धा आयोग का मुख्य काम यह सुनिश्चित करना है कि सभी कारोबारियों और कंपनियों को आपस में प्रतिस्पर्धा करने के लिए समान अवसर मिले. गूगल दुनिया की सबसे बड़ी तकनीकी कंपनी है. इसके उत्पादों के बिना इंटरनेट सेवाओं की कल्पना करना आज असंभव सा है.

भारत समेत दुनियाभर में अधिकतर लोग एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं, जिसका स्वामित्व गूगल के पास है. इस सिस्टम के लिए विभिन्न प्रकार के एप प्ले स्टोर से ही लिये जा सकते हैं, जिसका नियंत्रण भी गूगल के पास है. गूगल प्ले स्टोर पर मुहैया कराने के लिए एप बनाने वालों को मजबूर करता है कि उन्हें गूगल प्ले के बिलिंग सिस्टम का ही इस्तेमाल करना होगा. उस एप की और उसके जरिये होने वाली हर खरीद-बिक्री गूगल प्ले के बिलिंग सिस्टम से ही की जा सकती है.

एप बनाने वाले ग्राहकों को एप से बाहर किसी डिजिटल वस्तु खरीदने के लिए उत्साहित नहीं कर सकते और न ही उस एप में कोई ऐसी लिंक डाल सकते हैं, जिसके सहारे अन्य वेबसाइट पर खरीद-बिक्री हो सके. कोई एप डेवलपर अगर शर्तों को नहीं मानेगा, तो वह डिजिटल बाजार के बड़े हिस्से से बाहर चला जायेगा और उसका कारोबार घाटे का सौदा बन जायेगा. प्रतिस्पर्धा आयोग ने इस व्यवस्था को वर्चस्व का दुरुपयोग और कारोबार विरोधी रवैया माना है.

गूगल की ओर से जो तर्क दिये जा रहे हैं, उन्हें निराधार पाया गया है. इसी तरह मेक माई ट्रिप और ओयो ने आपसी गठजोड़ बनाकर होटल सेवा मुहैया कराने वाली अन्य कंपनियों को अपनी दरें घटाने तथा किसी अन्य वेबसाइट पर अपेक्षाकृत सस्ती दरें नहीं दिखाने के लिए मजबूर किया है. मेक माई ट्रिप यात्रा सेवाओं से संबंधित शीर्षस्थ कंपनियों में है. उसने अन्य होटल कंपनियों के सामने ऐसी शर्तें रखी, जिनसे ओयो होटल को लाभ हुआ. अनेक देशों में बड़ी टेक कंपनियों पर ऐसी कार्रवाई हुई है. उम्मीद है कि प्रतिस्पर्द्धा आयोग की कड़ाई से डिजिटल बाजार को ठोस संदेश मिलेगा.

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